जी हां, दर्द भरी हकीकत की पीड़ा भोगने वाला यह परिवार है हर्ष मंडावरा के भवानीशंकर दीक्षित का। जिनके इकलौते बेटे यतीश की मौत एक साल पहले हो चुकी है। आरोप है कि चंद रुपए के लालच में कुछ अज्ञात लोगों ने लूट की वारदात को अंजाम देते हुए उसे कोल्ड ड्रिंक में जहर देकर बेहोश कर दिया था।
बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। बतौर भवानीशंकर का कहना है कि जहर खुरानी कर लूट की शिकायत उन्होंने रींगस थाने में दी थी। लेकिन, जिम्मेदारों ने मामले में लीपापोती कर फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। न्याय की उम्मीद लेकर सालभर से दर-दर भटक रहा हूं। परंतु कहीं से कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है। एेसे में अब बूढ़ी हड्डियां भी जवाब देने लगी हैं। एक मंदिर में पूजा पाठ कर परिवार का गुजारा कर रहा हूं। जिसमें उसकी पत्नी मंजू सहित दो बेटियां ऋचा और भारती शामिल है।
कर्ज में डूबा है परिवार पीडि़त परिवार का कहना है कि तंगहाल होने के बावजूद साढ़े तीन लाख रुपए कर्जा लेकर यतीश को बीसीए करवाया। पढ़ाई पूरी होने के बाद उसका चयन भी सीआरपीएफ में एसआई के पद पर हो गया था। घर में खुशी का माहौल था। लेकिन, होनी को कुछ और ही मंजूर था। ज्वाइन करने से पहले ही यतीश की सांस उखड़ गई। आय का कोई साधन नहीं होने के कारण कर्जा चुका नहीं पाया। दो बेटियां हैं। उनकी शादी को लेकर भी पूरा परिवार चिंता में है।
ये हुआ था हादसा नौकरी में चयन होने से पहले यतीश जोधपुर में वह किसी निजी शिक्षण संस्थान में कम्पयुटर शिक्षक के तौर पर काम कर रहा था। 25 जुलाई की रात को वह जोधपुर से गांव आया और 26 को किसी काम से जयपुर चला गया। इसके बाद उसके दोस्त का फोन आया कि यतीश शाम को जयपुर से लौट रहा है। पापा को कह देना कि उसके पास 96 हजार रुपए हैं। इसलिए सांवली चौराहे पर लेने के लिए आ जाएं। उसके बाद परिवार के पास इतनी ही जानकारी आई कि यतीश रींगस सीएचसी में भर्ती है। जब पहुंचे तो पुलिस ने बताया कि यतीश ने बयान दिए हैं कि उसे किसी ने कोल्ड ड्रिक पिलाई थी। उसके बाद उसे कुछ याद नहीं। लेकिन, पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पता नहीं चल पाया कि यतीश के साथ ये वारदात किस ने की थी। परिवार की मांग है कि वारदात से पर्दा उठना चाहिए। ताकि पीडि़त परिवार को न्याय मिल सके।