इलाके में पिछले कई वर्षों में दर्जनभर से ज्यादा पैंथर मर चुके हैं। अधिकांश पैंथर शिकार के पीछे दौड़ते हुए कुएं में गिरने से मरे हैं। कई पैंथर पहाड़ी से लुढ़कर व नील गाय के झगड़े में मरे हैं। वर्ष 2017 में बालेश्वर क्षेत्र झूठा भैरु के पास आपसी झगड़े में रलावता से पकड़कर लाया गया पैंथर भी मर चुका है। गांव रायपुर जागिर, सालावाली, आगरी,पाटन, मावंडा, डाबला सहित अनेक इलाकों में दर्जनभर से ज्यादा पैंथर मौत के घाट उतर चुके है। इलाके में कई बार पहले भी विभाग की टीम को सूचना मिली थी। लेकिन विभाग ने इसको गंभीरता से नहीं लिया।