पेपर आउट की वजह से यह भर्तियां विवादों में…
आरएएस 2013: परिणाम के बाद रद्द हुई परीक्षा
राजस्थान लोक सेवा आयोग की 978 पदों के लिए प्री परीक्षा 26 अक्टूबर 2013 में कराई गई थी। परिणाम 11 जून 2014 को जारी हुआ। इसका पेपर लीक हो चुका था। संज्ञान में आने के बाद 11 जुलाई 2014 को परीक्षा रद्द कर दी गई।
एपीपी भर्ती 2011: आंदोलन हुए तो रद्द की परीक्षा
159 पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 21 दिसम्बर 2011 को परीक्षा कराई थी। प्रश्न पत्रों में गडबड़ी के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया था।
आरपीएमटी 2014: सवालों में गड़बड़ी, नकल के आरोप
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि ने 28, 29 व 30 मई 2014 को आरपीएमटी का आयोजन कराया था। 6 जून को परिणाम आया। प्रश्नपत्र में 86 सवालों में गड़बड़ी पाई गई। बाद में परीक्षा रद्द कर दी गई। नकल से लेकर प्रश्न पत्र लीक के आरोप लगे थे।
एलडीसी भर्ती 2013: पेपर आउट की वजह से तीन साल में भर्ती
लगभग 7 हजार पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 11 जनवरी 2014 को भर्ती परीक्षा का आयोजन कराया था। प्रश्न पत्र आउट होने की वजह से यह भर्ती लगभग तीन साल में पूरी हो सकी।
कॉन्स्टेबल भर्ती 2018: पहले भी पुलिस की परीक्षा विवादों में
लगभग 15 हजार पुलिस कांस्टेबल पदों की भर्ती परीक्षा में पुलिस को 11 मार्च 2018 को प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिली। इसके बाद 17 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी गई। इससे पहले हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सीकर के एक ही सेंटर के एक ही कमरे से कई विद्यार्थियों का चयन सवालों के घेरे में आया था।
लाइब्रेरियन भर्ती 2018: नकल गिरोह के तार शेखावाटी तक
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 29 दिसम्बर 2019 को आयोजित हुई परीक्षा को पेपर लीक होने पर रद्द कर दिया गया। परीक्षा रद्द होने की वजह से बेरोजगारों को परीक्षा के लिए दुबारा कई महीनों तक इंतजार करना पड़ा। नकल गिरोह के तार शेखावाटी तक जुड़े थे।
जेईएन सिविल डिग्रीधारी भर्ती: बोर्ड अध्यक्ष को देना पड़ा इस्तीफा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से जेईएन सिविल डिग्रीधारी के 533 पदों के लिए 6 दिसम्बर 2020 को भर्ती परीक्षा का आयोजन कराया गया था। पेपर लीक होने पर रद्द कर दिया था। बोर्ड के चेयरमैन बीएल जाटावत को इस्तीफा देना पड़ा था।
शिक्षक भर्ती 2013: कई केंद्रों पर दुबारा परीक्षा
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 में कई जिलों में पेपर लीक होने व प्रश्न पत्रों में गड़बड़ी मिली थी। कई सेंटरों में पेपर दोबारा आयोजित हुआ था।
शिक्षक भर्ती 2021: अब तक 60 से ज्यादा गिरफ्तारी
रीट का परिणाम सबसे कम समय में जारी करने का रेकॉर्ड बनाने वाली सरकार खुद इस परीक्षा के फेर में उलझ गई। खुद मुख्यमंत्री को रीट द्वितीय लेवल का प्रश्न पत्र आउट होने की घोषणा करनी पड़ी। एसओजी अब तक 60 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2022: जयपुर से वायरल, शेखावाटी तक भी पहुंचा पेपर
14 मई की दूसरी पारी का प्रश्न पत्र आखिरकार खुद पुलिस ने रद्द कर दिया। पत्रिका ने इस पेपर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बारे में पहले ही बता दिया था। सूत्रों की मानें तो यह वायरल प्रश्न पत्र शेखावाटी तक भी पहुंच गया था। अब प्रदेश के ढाई लाख से अधिक अभ्यर्थियों को दुबारा परीक्षा देनी होगी।
लगातार पेपर आउट, निशाने पर सरकार…
सख्त कार्रवाई कर पेश करें नजीर
पेपर आउट करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए सरकार कानून लेकर आई है। लेकिन सरकार को नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत करनी पड़ेगी। ऐसे लोगों की सम्पति जब्त कर इनके ठिकानों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।
उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
दूसरे पेपर लीक नहीं हुए इसकी क्या गारंटी: भाजपा
कांग्रेस के राज में एक भी भर्ती परीक्षा पारदर्शिता के साथ नहीं हो सकी है। सभी भर्तियां संदेह के दायरे में हैं। कांग्रेस विधानसभा में नकल विरोधी कानून लाकर बड़े-बड़े दावे कर रही थी, लेकिन नकल माफियाओं ने इसे भी ठेंगा दिखा दिया है। दूसरी पारी की परीक्षाओं की क्या गारंटी कि उनका पेपर लीक नहीं हुआ।
रामलाल शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
पत्रिका पड़ताल: प्रिंटिंग प्रेस तो कभी सेंटर से पेपर चोरी
प्रदेश के सरकारी सिस्टम में नकल माफिया गहरी जडें जमा चुका है। रीट में प्रश्न पत्र स्ट्रॉन्ग रूम से चोरी हुआ था। जबकि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र सेंटर से लीक हुआ। एसओजी की जांच में यह भी सामने आ चुका कि नकल गिरोह के सदस्य पिं्रटिंग प्रेस से लेकर सेंटर तक पहले ही जाल बिछा लेते हैं। परीक्षा से कुछ दिन पहले तक यदि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर चोरी करने में सफलता नहीं मिलती तो वे सेंटर को निशाना बनाते हैं।
…और ये खामियाजा भुगतना पड़ता है होनहार युवाओं को
1. नौकरी में देरी: प्रश्न पत्र आउट होने से नौकरी में देरी हो रही है। रीट परीक्षा 2021 का प्रश्न पत्र आउट नहीं होता तो अब तक बीएड डिग्रीधारियों को भी नौकरी मिल जाती। कई बार तो प्रश्न पत्र आउट होने से भर्ती परीक्षा दुबारा एक से दो साल बाद तक हुई है।
2. ओवरएज का खतरा: कई युवाओं पर ओवरएज की तलवार भी लटक जाती है। भर्तियों की तैयारी करने वाले प्रदेश के 5.15 लाख से अधिक युवा हर साल ओवरएज हो जाते हैं।
3. तैयारी के लिए ज्यादा खर्चा: परीक्षा रद्द होने पर युवाओं को दुबारा से तैयारी में जुटना पड़ता है। कोचिंग फीस दुबारा चुकाना पड़ती है। कमरा किराए से लेकर अन्य खर्चा भी होता है। दुबारा तैयारी करने पर प्रति अभ्यर्थी 30 से 50 हजार रुपए का खर्चा हो जाता है।