मैराथन में गोल्ड मेडलिस्ट
शहीद दीपचंद ने दसवीं तक की शिक्षा बावड़ी गांव में ग्रहण की। इसके बाद सीनियर सैकंडरी तक की पढ़ाई उन्होंने रींगस में की। इसी बीच उनकी सेना भर्ती की तैयारी भी जोरों पर थी। जिसके चलते प्रथम वर्ष की पढ़ाई के दौरान ही उनका चयन सीआरपीएफ में हो गया। परिजनों के मुताबिक शहीद दीपचंद दौड़ व हॉकी के अव्वल दर्जे के खिलाड़ी थे। गांव से लेकर सेना तक की कई प्रतियोगिताओं में वह कई अवार्ड जीत चुके थे। सेना की मैराथन में भी उन्हें गोल्ड मेडल हासिल किया था।
शाम तक आयेगी पार्थिव देह
शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में अब भी संशय बरकरार है। दरसअल शहीद की पार्थिव देह जम्मू कश्मीर से सवा दस बजे रवाना हुई है। जो करीब एक बजे दिल्ली पहुंचेगी। यहां से पार्थिव देह को सड़क के रास्ते बावड़ी गांव लाया जायेगा। ऐसे में परिजनों का कहना है कि यदि पांच बजे बाद उन्हें पार्थिव देह सौंपी जाएगी, तो शहीद का अंतिम संस्कार फिर शुक्रवार को ही किया जायेगा।