हादसे का सबब बन सकते हैं चैम्बर
रामलीला मैदान से छीलरी चौक जाने वाले रास्ते में कई जगह चैम्बर टूटे हुए हैं। यह चैम्बर कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकते है। लोगों का कहना है कि इन्हें ठीक करवाने के लिए कई बार परिषद के अधिकारियों को अवगत करवाया गया। अधिकारियों ने इस क्षेत्र के लिए सडक़ पास करने की बात भी कही है, लेकिन अभी तक निर्माण नहीं हो पाया है।
वार्ड अंकवाणी
रामलीला मैदान क्षेत्र: 70 फीसदी अंक
बाकी क्षेत्र-40 फीसदी अंक
छीलरी चौक-60 फीसदी
मोहल्ला कारीगरान-50
यह रहे उपस्थित
हाजी मोहम्मद, साजिद पटवारी, कयूम खां, किशोर सैनी, जाकिर हुसैन, रघुनाथ सैनी, आबिद कारीगर, आरिफ।
परेशानी भरी है अंतिम सफर की राह धर्माणा श्मशान घाट की राह में कीचड़ भरा रहता है। पार्षद ने नगर परिषद की बैठक में कई बार मांग उठाई। जनता ने भी विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन समस्या के समाधान का प्रयास नहीं किया गया। वहां पर हाल ही में नाली बनाई गई है, लेकिन नाली की गहराई कम होने के साथ उसका लेवल भी ठीक नहीं रखा गया है। ऐसे में समस्या का समाधान नहीं होगा। ऐसी ही स्थिति कब्रिस्तान की राह की है। सीवरेज की खुदाई के दौरान तोड़ी गई सडक़ अभी तक ठीक नहीं की गई है।
पार्षद के दावे
सडक़ व नाली निर्माण में वार्ड में ढाई करोड़ रुपए के कार्य करवाए हैं। धर्माणा क्षेत्र के पानी की निकासी के लिए प्रयास किए। बोर्ड की बैठक में भी मांग रखी, लेकिन समाधान नहीं हो पाया। -अशोक सैनी, पार्षद वार्ड 24
आवारा पशु बड़ी परेशानी
इस क्षेत्र में आवारा पशु क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी परेशानी बने हुए हैं। रामलीला मैदान में हर समय आवारा पशुओं का डेरा रहता है। इनमें सर्वाधिक संख्या सांडों की है, जिनके हमले में कई लोग घायल हो चुके हैं। लोगों का कहना है कि आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए परिषद ने स्थाई प्रयास नहीं किए। शहर में नंदीशाला बनाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। इस समस्या से दोनों वार्डों के लोग परेशान है।
एजेंडा: वार्डवासियों के मुताबिक आगामी चुनाव में आवार पशुओं के आतंक से मुक्ति, कचरा संग्रहण, पानी निकासी, सडक़, नालियां और रोशनी प्रमुख मुद्दें होंगे। इन समस्याओं से निजात दिलाने वाले उम्मीदवार उनकी पहली पसंद होंगे।