#Changemaker 2.0 : नगर परिषद भले ही अमृत योजना समेत विकास के बड़े दावे करे, लेकिन हकीकत में शहर की जनता आज भी सडक़, पानी और रोशनी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही है। सिवरेज योजना का शहर के लोगों को फायदा कब मिलेगा, यहा तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यहां की जनता दस वर्ष से अधिक समय से सिवरेज के पाइप डालने के लिए खोदी गई सडक़ों की पीड़ा भोग रही है। राजस्थान पत्रिका की टीम गुरुवार को ओपन माइक, मेरा वार्ड मेरी बात अभियान के तहत शहर के वार्ड आठ स्थित तहसील क्षेत्र में पहुंची तो जनता दर्द इसी तरह सामने आया। लोगों का कहना है कि समस्याएं डेढ़ से दो दसक से चली आ रही है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। यहां जुटे लोगों का कहना था कि सिवरेज की खुदाई के लिए इसी वर्ष पाइप डाले गए। इसके बाद सडक़ बनाने की खानापूर्ति कर दी गई। बरसात में सडक़ में गहरे गड्ढ़े हो गए। शाहरुख खान ने कहा कि वाहनों के साथ उड़ती धूल से कई व्यापारी अस्थमा के शिकार हो गए हैं। कचरा उठाने वाली गाड़ी भी नियमित नहीं आती है।
जनता के सवाल
-सिवरेज की खुदाई के दौरान नगर परिषद ने ठेकेदार कंपनी पर मोनिटरिंग क्यों नहीं रखी।
-शहर में सडक़ों को बार-बार तोड़ा जा रहा है। सभी विभाग मिलकर सहमति से कार्य योजना क्यों नहीं बनाते।
-शहर के विकास के लिए बड़े दावे किए जाते हैं। पार्षद और जनप्रतिनिधि इन्हें पूरा करने के लिए गंभीरता क्यों नहीं बरतते।
यह रहे उपस्थित
रविन्द्र सिंह, मोहम्मद शाहरुख, दिलीप कुमार, असलम, आतिफ नारू, इमरान, मोहम्मद अयूब, मोहम्मद आदिल, सलीम, कय्यूम, अब्दुल्ला।