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एडवोकेट संगीता सैनी ने कहा कि कई जनप्रतिनिधियों पर वर्षो तक मामले चलते रहते है। ऐसे में इस तरह के मामलों के निपटारे के लिए समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए। राजेश कुमार ने कहा कि जब तक लोग राजनीति को देशसेवा का जरिया नहीं मानेंगे तब तक राजनीति में स्वच्छता नहीं आ सकती। अमन चौधरी ने कहा कि सरकार को जातिवादी संस्थाओं के पंजीयन पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।
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