लेकिन पटवारी ने जैसे ही पट्टों की फाइल पर हस्ताक्षर करने से मना किया तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। दोपहर तक यह चलता रहा। लेकिन दोपहर बाद ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। ग्रामीणों ने पटवारी को ताले में बंद कर दिया।
अब तीन जुलाई को लगेगा शिविर अटल सेवा केन्द्र के कमरे में बंद पटवारी को छुडाने पहुंचने तहसीलदार अशोक रणवां को भी लोगों ने जमकर खरी-खरी सुनाई। ग्रामीणों की तरफ से पंचायत समिति सदस्य कुलदीप रणवां व सुखदेसिंह सिंह ने वार्ता की। इस दौरान तहसीलदार ने तीन जुलाई को गांव में दोबारा से शिविर लगाने का आश्वासन दिया। तहसीलदार ने जल्द गांव की आबादी का सीमाज्ञान कराने का भी आश्वासन दिया। इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और पटवारी को छोड़ा।
पटवारी और ग्राम सेवक भी उलझे शिविर में पट्टा लेने के लिए ग्रामीणों की सुबह से भीड लग गई। लेकिन पटवारी महावीर सिंह का तर्क था कि पटवार संघ के निर्णय के कारण पट्टे की फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने ग्रामसेवक से की। लेकिन ग्रामसेवक ने तर्क दिया कि पहले हस्ताक्षर पटवारी को करने हैं। ग्रामीणों के हंगामे के बाद पटवारी और ग्रामसेवक आपस में उलझ गए।