सीकर. सांस्कृतिक मंडल की ओर से शहर के रामलीला मैदान में आयोजित ६४ वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने वीर रस के साथ शृंगार और हास्य रस की कविताएं पेश कर उपस्थित जनता को गुदगुदाया।
कवि ताऊ शेखावाटी के नेतृत्व में आयोजित ३२वें कवि सम्मेलन में मुंबई के लाफ्टर किंग सुरेश अलबेला ने ...हमारा, चौकीदार रात में चार घंटे ही सोता है...और जिस रात वो नहीं सोता, वो रात इतिहास में दर्ज हो जाती है। उत्तरप्रदेश के एटा की कवियत्री योगिता चौहान ने श्रृंगार रस की कविता ...अपनी धडक़न में एेसे छुपाले मुझे, मैं तो एक गीत हूं गुनगुनाले मुझे।
डीग भरतपुर के कवि मेघश्याम मेघ ने...और गौरी तेरे रूप की तिजोरी कोरी-कोरी है सुनाकर खूब दाद बटोरी। अजमेर के कवि कमल माहेश्वरी ने हास्य की कविता...खुंखार पत्नी और जब एक बार मेरी शादी हुई पेश कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी।
कवि योगेन्द्र शर्मा भीलवाड़ा की कविता ...कालिका की छातियों पर, ज्योति की ज्वाला जला दी ने माहौल में वीर रस का संचार पैदा किया।