तीन साल बाद भी नहीं मिली सहायता
वर्ष 2017 में प्रदेशभर में 67 हजार से अधिक आवेदन जमा हुए। अकेले सीकर जिले में 20 हजार से अधिक आवेदन आए। लेकिन जांच के नाम पर सात हजार श्रमिक परिवारों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। सरकार ने 13 हजार परिवारों को सहायता देने का वादा किया। लेकिन अभी तक महज दो हजार परिवारों को ही राशि मिली है। सरकारी कन्यादान का इंतजार करने वाली श्रमिक परिवारों की कई बेटियों की शादी को दो से तीन साल हो गए।
55 हजार की सहायता का प्रावधान
श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों की शादी पर शुभ शक्ति योजना के अन्तर्गत 55 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए बेटी का आठवीं पास व आयु 18 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है। श्रम विभाग की ओर से श्रमिक का सत्यापन किया जाता है। इसके बाद विभाग की ओर से सहायता राशि ऑनलाइन दी जाती है।
अब पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर निस्तारण
विभाग का दावा है कि कोरोना की वजह से लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में ऑनलाइन आधार पर आवेदनों का सत्यापन करवाया जा रहा है। सभी श्रम आयुक्तों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर आवेदनों का ऑनलाइन निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। विभाग का दावा है कि दिसम्बर 2020 तक 70 हजार से अधिक आवेदनों का निस्तारण कर दिया जाएगा।
श्रमिकों के साथ मजाक
सरकार श्रमिक परिवारों के साथ मजाक करने पर तुली हुई है। वर्ष 2017 के हजारों फार्म लंबित चल रहे हैं। एक तरफ सरकार कोरोनाकाल में श्रमिकों की मदद का दावा कर रही है, दूसरी तरफ प्रदेश के दो लाख से अधिक आवेदनों का अब तक सत्यापन नहीं हुआ है।
बृजसुंदर जांगिड़, महामंत्री, भवन निर्माण मजदूर यूनियन सीटू
फैक्ट फाइल
वर्ष 2015-16 में आवेदन : 1751
सहायता राशि स्वीकृत : 643
2016-17 में आवेदन: 81658
सहायता राशि स्वीकृत: 28475
वर्ष 2017-18 में आवेदन: 129452
कन्यादान की राशि मिली: 26040
वर्ष 2018-19 में आवेदन: 170493
सहायता राशि स्वीकृत: 32151
2019-2020 में आवेदन: 50027
सहायता राशि स्वीकृत: 110
किस जिले के कितने आवेदन लंबित
टोंक: 2700
उदयपुर: 5631
श्रीगंगानगर: 7944
सिरोही: 1597
सीकर: 13110
सवाईमाधोपुर: 2567
राजसमंद: 1777
अजमेर: 2520
अलवर: 6010
भरतपुर: 3517
बूंदी: 1018
केस एक: कोरोना में कैसे चुकाए किश्त
सीकर निवासी श्रमिक सुगनचंद ने बेटी की शादी के लिए वर्ष 2017 में आवेदन किया। वर्ष 2018 में आवेदन का सत्यापन भी हो गया, लेकिन अभी तक सहायता राशि नहीं मिली। किसी साहुकार से पैसे लेकर बेटी की शादी की। कोरोनाकाल में पैसे चुकाना भारी पड़ रहा है।
केस दो: दो बच्चे भी हुए लेकिन सरकारी सहायता नहीं
वर्ष 2016 में गिरधारी ने अपनी बेटी की शादी के दौरान शुभ शक्ति योजना में आवेदन किया। बेटी के दो संतान भी हो चुकी है, लेकिन अभी सरकार का कन्यादान नहीं मिला है।