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लॉक डाउन में घर बैठे लोगों की बिजली हो सकती है बंद, निगम ने लिया यह फैसला

locationसीकरPublished: Mar 28, 2020 01:44:11 pm

Submitted by:

Sachin

कोरोना वायरस के कहर के बीच लॉक डाउन में घर बैठे लोगों के अब बिजली कनेक्शन काटे जा सकते हैं। अजमेर विद्युत वितरण निगम ने यह फैसला लिया है।

लॉक डाउन में घर बैठे लोगों की बिजली हो सकती है बंद, निगम ने लिया यह फैसला

लॉक डाउन में घर बैठे लोगों की बिजली हो सकती है बंद, निगम ने लिया यह फैसला

सीकर. कोरोना वायरस (Corona Virus) के कहर के बीच लॉक डाउन (Lock down) में घर बैठे लोगों के अब बिजली कनेक्शन काटे जा सकते हैं। अजमेर विद्युत वितरण निगम (AVVNL) ने यह फैसला लिया है। दरअसल निगम ने उपभोक्ताओं से बिजली बिल ऑनलाइन जमा कराने की अपील की है। अपील के बाद 15 मार्च से अब तक कुल 14.6 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। निगम का कहना है कि समय रहते अगर बिजली बिल जमा नहीं हुए तो कंपनियां बिजली देना बंद कर देगी। अगर सीकर जिले की बात की जाए तो निगम के लक्ष्य को पुरा करने के लिए करीब 51 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। कोरोना वायरस की समस्या को देखते हुए निगम के अभियंताओं एवं कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं के दरवाजे पर जा कर बकाया बिलों की वसूली और कनेक्शन काटना बंद कर दिया है। उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिल जमा कराने के लिए लगातार फोन या मैसेज से ही संपर्क किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जिले को निगम से इस बार पुराना शेष मिलाकर कुल 102 प्रतिशत का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य को पुरा करने के लिए 51 करोड़ रुपए के भुगतान की आवश्यकता है। फिलहाल जिले में 98.78 प्रतिशत भुगतान जमा हो चुका है। इन तीन दिनों में 100 प्रतिशत रिकवरी के लिए 20 करोड़ रुपए की जरूरत है। यदि आमजन के अलावा विभागों में बकाया बिलों के 20 करोड़ रुपए भी अगर जमा हो जाते है, तो निगम का लक्ष्य भी पूरा हो सकता है। इसमें सबसे ज्यादा पब्लिक स्टेट लाइट के 12 करोड़ रुपए शामिल है।


60 करोड़ रुपए की खरीद


निगम 11 सर्किलों में उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिदिन करीब 60 करोड़ रुपए की बिजली खरीदता है। जिसका भुगतान भी समय पर करना पड़ता है। भुगतान नहीं करने की सूरत में कंपनियां बिजली आपूर्ति बंद कर सकती है। तब कोरोना लॉक डाउन में लोगों को रातें भी अंधेरे में गुजारनी पड़ सकती है। वहीं तीन चार दिन बाद निगम प्रबंधन को अपने अधिकारियों, अभियंताओं व कर्मचारियों को अप्रैल माह का वेतन करीब 55 करोड़ रुपए का भुगतान भी करना है। ऐसे में यदि उपभोक्ता समय पर बिल जमा नहीं कराएंगे तो निगम की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा सकती है।

आमजन समझें जिम्मेदारी


निगम का कहना है कि बिजली अति आवश्यक सेवा है। कोरोना से संघर्ष की इस घड़ी में डिस्कॉम सातों दिन 24 घंटे काम कर रहा है। ऐसे में आमजन को भी अपनी जिम्मेदारी समझ कर ऑनलाइन सेवा का उपयोग कर बिल जमा कराना चाहिए। ताकि बिजली खरीद का भुगतान समय पर हो सके। साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों से भी आग्रह किया गया है कि बिल समय पर जमा करवाएं।

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