बरसों से घर की दहलीज पार नहीं कर सका महेंद्र…नहीं सुनी होगी ऐसी कहानी
सीकर. सांसद आदर्श गांव चला के वार्ड 13 का निवासी महेंद्र बरसों से बिस्तरों पर पड़ा है। मां कमली देवी जैसे तैसे मजदूरी कर घर चला रही है। महेंद्र के बचपन में ही उसके पिता की मौत होने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। 20 साल का उसका छोटा भाई बीरबल भी पढ़ाई बीच में छोडकऱ मां के साथ मजदूरी करने लगा है। महेन्द्र लम्बें समय से दोनों पैरों से लाचार एवं रीढ की हडडी की वजह से चलने-फिरने में असक्षम है। बीमारी से लाचार महेन्द्र को अपनी दहलीज पार किए हुए भी सालों हो गए हैं। मां ने जैसे-तैसे करके अपने लाडले का इलाज नीमकाथाना से लेकर जयपुर तक करवाया मगर हजारों रूपये खर्च करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। मां कमली देवी ने घर का सबकुछ बेचकर बेटे के इलाज में खर्च कर दिया तथा अब कर्ज के बोझ के कारण पूरा परिवार तंगहाली की हालत में है। कमलीदेवी का परिवार बीपीएल में है तथा महेन्द्र की इस गंभीर बीमारी को लेकर चिकित्सको ने भी जबाब दे दिया तथा कहा दिल्ली में ऑपरेशन के बाद ही इसकी हालत में सुधार आ सकता है। महेन्द्र की मां के पास दिल्ली का खर्च उठाने के लिए आय का कोई स्त्रोत नहीं है। मायूस महेन्द्र को इलाज का इंतजार है। टूटी सडक़ दे रही हैं जख्म बावड़ी. ग्राम पंचायत पटवारी का बास से श्रीमाधोपुर तक के बीच की जगह जगह से टूटी डामरीकरण सडक़ जख्म दे रही है। सूरजभान वर्मा व साधूराम वर्मा ने बताया कि बावड़ी, सौंथलिया, पटवारी का बास के आस पास के क्षेत्रों के काफी गांव व ढाणियों के किसान सहित अन्य लोगों का श्रीमाधोपुर मण्डी व तहसील में आना जाना रहता है, लेकिन कई माह से डामरीकरण सडक़ पर जगह जगह खतरनाक खड्डे होने से स्कूली बस, दुपहिए, चौपहिए वाहन कछुआ चाल की गति से चलना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि कई बार वाहनों के एाल टूटकर टायर भी खेते में चले जाते है। इतना ही नहीं कभी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने पेचर्वक करवाने की मांग की है।
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