घर पर ही मोबाइल छोड़कर आया
जांच के दौरान पता लगा कि किशोर सैनी अपना मोबाइल भी साथ लेकर नहीं गया था। वह काफी शातिर है और पूरी प्लानिंग के साथ ही बैंक में गया था। लूट के बाद मोबाइल नेटवर्क से पकड़े जाने के डऱ से वह मोबाइल लेकर नहीं गया। उसने बताया कि पुलिस मोबाइल की कॉल डिटेल व लोकेशन के आधार पर पकड़ लेती है। इसलिए वह मोबाइल को कमरे में छोड़ कर आया था। वह बैंक लूट के बाद आराम से घर पर आ जाता। पुलिस उसके मोबाइल को खंगाल रही है। उसके मोबाइल में भी कई वीडियों मिले है।
कर्ज से था परेशान चल रहा था लुटेरा
जांच में पता लगा कि बैंक लुटेरा किशोर सैनी पर करीब 11 लाख रुपए का कर्जा था। साथ ही बैंक का भी लोन चल रहा था। वहीं उसके पिता को भी कैंसर है। इसी कारण से वह कर्जे से परेशान चल रहा था। पहले वह कार बाजार में पुरानी गाडियों की खरीद-फरोख्त करता था। बाद में वह ऑटोमोबाइल शोरूम में काम करने लग गया था। उसके दो बच्चे है। लूट के बाद चुपचाप फरार होने के कारण वह कोई वाहन भी लेकर नहीं आया था।
बैंक प्रबंधक के रिश्तेदार डॉ.सहारण के बयान लिए
पुलिस ने हनुमानगढ़ में नोहर के डॉ. महेश सहारण को बुला कर पूछताछ के बाद बयान दर्ज किए। जांच में उन्होंने बताया कि सुमन उनकी साली है और कुछ महीने पहले ही तबादला हुआ है। उसके दांत में दर्द हो रहा था। तब दवाई के लिए बैंक प्रबंधक ने फोन किया। बातचीत के दौरान अचानक आवाज बंद हो गई। तब वहां से आवाज आई कि सभी केबिन से बाहर आकर यहां बैठ जाओं। बैंक में कितने रुपए है। कैशियर कौन है। चाबी लेकर आओं। डा. सहारण ने बताया कि जब सुना कि कैशियर के हाथ पीछे बांध दो, नीचे लेट जाओं। तब उन्होंने वे बैंक में लूट की घटना को लेकर भांप गए। तब उन्होंने पुलिस को फोन कर सूचना दी। पुलिसकर्मियों ने भी तुरंत रिस्पांस दिया और बैंक पहुंच गए।