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प्रदेश में बलात्कारियों को पकड़ने के लिए दौड़ती रही पुलिस, लेकिन सामने आई सच्चाई तो उड़ गए होश

locationसीकरPublished: Jun 14, 2019 03:45:32 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

प्रदेश में पिछले चार महिनों के दौरान लोगों ने नौ हजार से अधिक झूठे मुकदमे दर्ज कराकर भारतीय दंड संहिता की धज्जियां उड़ाकर रख दी है।

प्रदेश में पिछले चार महिनों के दौरान लोगों ने नौ हजार से अधिक झूठे मुकदमे दर्ज कराकर भारतीय दंड संहिता की धज्जियां उड़ाकर रख दी है।

प्रदेश में बलात्कारियों को पकडऩे के लिए दौड़ती रही पुलिस, लेकिन सामने आई सच्चाई तो उड़ गए होश

जोगेन्द्र सिंह गौड़, सीकर.

प्रदेश में पिछले चार महिनों के दौरान लोगों ने नौ हजार से अधिक झूठे मुकदमे दर्ज कराकर भारतीय दंड संहिता की धज्जियां उड़ाकर रख दी है। लेकिन, मुकदमे दर्ज होने पर जब जांच हुई तो पुलिस के पैरों के नीचे से भी जमीन खिसक गई और मामले पूरी तरह से फर्जी पाए गए। बानगी यह है कि झूठे मुकदमे दर्ज कराने में महिलाएं भी पीछे नहीं रही। अनुसंधान में 300 से ज्यादा रिपोर्ट मनगढ़त निकली। जिनके पीछे पुलिस बेचारी लंबे समय से भाग दौड़ करने में जुटी हुई थी। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में इस साल जनवरी से अप्रेल तक कुल 62666 अपराध के मुकदमे थानों में दर्ज हुए। लेकिन, इनकी जब जांच हुई तो स्थिति चौंकाने वाली मिली और 9177 मुकदमे फर्जी पाए गए। जिनको पुलिस ने अदम वकू(झूठ) में शामिल कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस अब इन झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों की तलाश कर रही है। ताकि बाकी लोगों को भी सबक मिल सके और बेवजह बर्बाद होने वाले पुलिस के कीमती समय को बचाया जा सके।


24 फीसदी बढ़ा झूठ
फर्जी मामले दर्ज कराने पर इन चार महिनों में अदम वकू की दर बढकऱ 24.86 फीसदी पहुंच गई है। जो कि, पुलिस के लिए भी सिरदर्द बनती जा रही है। जबकि अब तो बलात्कार सहित कई मामले सीधे एसपी के जरिए दर्ज होने की सोहलियत भी बढ़ा दी गई है।


सबसे ज्यादा अपहरण की गढ़ी कहानी
इन महीनों में अपहरण के कुल 2308 मुकदमे दर्ज कराए गए। लेकिन, जांच के दौरान इनमें 893 मामले बिलकुल झूठे निकले। जबकि प्रकरण की सूचना मिलने पर तुरंत नाकाबंदी करवाई गई और बताए गए हुलिए के अनुसार आरोपी का पीछा करने की माथापच्ची पुलिस को करनी पड़ी।


चोरी में भी सीनाजोरी
पुलिस के तहत प्रदेश में चोरी के 12164 प्रकरण दर्ज किए गए थे। परंतु 347 जगहों पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पीडि़त का एक तिनका तक गायब नहीं मिला। जबकि पीडि़त ने रिपोर्ट में हजारों और लाखों रुपए चोरी के लिखवा रखे थे। नकबजनी के 2094 मामलों में 55 फर्जी निकले।

यह है प्रावधान
नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति थाने में झूठा मुकदमा दर्ज कराता है तो पुलिस 182 व 211 की धारा के तहत उसके खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश कर सकती है। जिस पर मुकदमा दर्ज कराने वाले के खिलाफ छह महिने से एक साल की सजा का प्रावधान भी है।

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