शबे कद्र के मौके पर फतेहपुर में रात भर रही चहल-पहल
फतेहपुर. रमजान के महीने में 27 वीं रात अकीदतमंदों ने इबादत में गुजारी। इस मुकद्दस रात के मौके पर मंगलवार को शहर की मस्जिदे रोशनी से जगमगा रही थी। मुस्लिम बहुल मोहल्लों में रातभर रौनक रही। लोगों ने रात भर इबादत कर अल्लाह तआला से दुआएं मांगी। हर रोजेदारों के चेहरे पर नूर नजर आ रहा था। मुस्लिम समाज 27वीं रात में मशगूल रहा। बच्चों और युवाओं में खास उत्साह नजर आया। इफ्तार के बाद रात को इशा की नमाज और तरावीह में मस्जिदें नमाजियों से भर गईं। मस्जिदों में खुशहाली और अमन चैन की दुआ मांगी गई। रमजान के आखिरी अशरे में 21, 23, 25, 27 और 29वीं रात का खास महत्व है। इनमें 27वीं रात का सवाब हजार महीनों की इबादत के बराबर माना जाता है। इसके महत्व को देखते हुए लोगों ने नमाज अदा की। तमाम मस्जिदों में लोग इबादत कर रहे हैं।
एतकाफ का शराएत और फजीलत
रमजान का तीसरा और अंतिम अशरा चल रहा है। माहे रमजान के इस आखिरी अशरे में नौ अथवा दस दिनों में अकीदतमंद मस्जिद में रहकर ही इबादत करता है। यह सुन्नत मुअकदा अलग किफाया है। किसी शहर अथवा गांव में एक व्यक्ति ने भी एतकाफ कर लिया तो सब बरी हो गए। इसकी शर्त यह है कि बीसवें रोजे को सूरज और ईद का चांद नजर आने तक मस्जिद में ही रहकर इबादत करें। औरतें भी पाक रहकर अपने घरों में एतकाफ कर सकती हैं।