सीकर

भ्रष्टाचार के नाम पर सियासत

सहकारी उपभोक्ता भंडार में 22 दिन से धरना
प्रशासन नहीं तय कर पा रहा है निर्णय

सीकरJan 31, 2019 / 10:18 pm

Puran

भ्रष्टाचार के नाम पर सियासत

सीकर. जिले में पेंशनर्स को दवा उपलब्ध कराने वाले सीकर होलसेल सहकारी उपभोक्ता भंडार लिमिटेड का विवाद का नाम नहीं ले रहा है। भंडार की राशि को बिना स्वीकृति और बिना कोटेशन के सामान क्रय करने के मामले में दो पक्षों के बीच हो रही सियासत में और उलझ गया है। इसका नतीजा है कि भंडार की ओर से नई दवाएं नहीं खरीदने के कारण पेंशनर्स को समय पर नहीं दवा नहीं मिल रही है। खास बात यह है कि प्रकरण में उपरजिस्ट्रार सहकारी समिति ने निर्णय भी पारित कर दिया है लेकिन एक पक्ष पिछले 22 दिन से धरने पर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा है और एक दूसरे पर गंभीर आरोप- प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन भ्रष्टाचार के नाम पर हो रही इस सियासत के मामले में कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है।
 

जांच कराए तो खुल जाए पोलभंडार के पूर्व अध्यक्ष इमरान गौरी ने बताया कि भंडार में लम्बे समय से मनमर्जी चली आ रही है। बिना सहमति के नए सदस्य बना दिए गए हैं। दवा खरीद में पेंशनर्स को इथीकल की जगह जैनरिक दवाएं दी जा रही है। मिलीभगत से भंडार की दुकानों पर निजी दवाएं बिकवाई जा रही है। जब इन मामलों में विरोध प्रदर्शन की आशंका को दिखी तो अधिकारियों ने पोल खुलने के भय से रेलवे सामुदायिक भवन में होने वाली सभा को बिना कोरम हुए कर लिया और मनमर्जी से प्रस्ताव पारित कर लिए। मामले में जब तक प्रशासक और जीएम के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी धरना जारी रहेगा।
 

जानबूझकर बरगला रहे सीकर होलसेल भंडार के महाप्रबंधक गंगाधर सारण ने बताया कि 2017 में दायर मामले की जांच के बाद सहकारी समितियां उपरजिस्ट्रार जयपुर खंड ने निर्णय दिया है कि अधिकारियों की स्वीकृति के बिना तत्कालीन महाप्रबंधक ने सीकर प्रधान कार्यालय भवन ओर घंटाघर के पास स्थित दुकानों की मरम्मत के नाम पर एक लाख 81 हजार 980 रुपए बिना स्वीकृति के खर्च कर दिए। भंडार कार्यालय के खरीदी गई वस्तुओं और मोबाइल हैंडसेट के फर्जी कोटेशन लेकर 47 हजार 730 रुपए का सामान खरीद लिया। इसके अलावा भंडार प्रबंधन ने किराए के वाहन का भी बिना स्वीकृति उपयोग किया है। इन तीनों मामले में मुख्यालय ने छह लोगों को दोषी माना है। इनके खिलाफ कुर्की के आदेश निकाल कर वसूली के आदेश दिए हैं। इस कारण विवाद बढ़ रहा है।
 

इनका कहना है।

भंडार में हुए भ्रष्टाचार के मामले में तामील करवा ली गई है। मुख्यालय से मिले निर्देश के अनुसार वसूली के दोषियों की अचल और चल संपति की जानकारी संबंधित विभागों से मांगी है। इसके बाद कुर्की की राशि की वसूली कार्रवाई की जाएगी।
-गंगाधर सारण, महाप्रबधंक, सीकर होलसेल सहकारी उपभोक्ता भंडार लिमिटटेड

तीन करोड रुपए बकायादवा विक्रेताओं के करीब तीन करोड रुपए बकाया चल रहे हैं। इसके बावजूद भंडार के सदस्य एक दूसरे से उलझ रहे हैं। ऐसे में दवा विक्रेताओं को अंदेशा है कि भंडार की व्यवस्था प्रभावित हो जाएगी। जिससे पेंशनर्स को ही परेशानी होगी।
– संजीव नेहरा, अध्यक्ष सीकर जिला केमिस्ट ऐसोसिएशन

एसीबी से जांच होने पर पता चल जाएगा कि भ्रष्टाचार किसने और कैसे किया है। जांच प्रभावित नहीं हो इसके लिए वर्तमान जीएम और प्रशासक को निलम्बित किया जाए। लंबित मांगों के विरोध में धरना जारी रहेगा।
– इमरान गौरी, पूर्व अध्यक्ष सीकर होलसेल भंडार
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.