जानिए प्रतिभा पूनिया की कामयाबी -प्रतिभा पूनिया भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर पायलट है।
-दिसम्बर 2017 में ही प्रतिभा पूनिया को बतौर फाइटर पायलट कमिशन मिला है।
-प्रतिभा पूनिया भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर बनने वाली राजस्थान की दूसरी बेटी है।
-इससे पहले जुलाई 2016 में झुंझुनूं जिले के गांव पापड़ा की मोहना सिंह फाइटर पायलट बनी थी।
-दिसम्बर 2017 में ही प्रतिभा पूनिया को बतौर फाइटर पायलट कमिशन मिला है।
-प्रतिभा पूनिया भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर बनने वाली राजस्थान की दूसरी बेटी है।
-इससे पहले जुलाई 2016 में झुंझुनूं जिले के गांव पापड़ा की मोहना सिंह फाइटर पायलट बनी थी।
-अब प्रतिभा पूनिया वायुसेना में सुखाई व मिग जैसे लड़ाकू विमान उड़ाएगी।
-इसी साल जनवरी में प्रतिभा पूनिया का वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयन हुआ था।
-इसके बाद वायुेसना के प्रशिक्षण केन्द्रों पर कड़ा प्रशिक्षण लेकर फाइटर पायलट बनी है।
-प्रतिभा पूनिया नरवासी निवासी पूर्व सैनिक छोटूराम व उर्मिला की बेटी है।
फाइटर प्लेन से दुश्मनों पर बम बरसाएगी गांव की ये लडक़ी, बेहद रोचक है इसकी कामयाबी की स्टोरी
-छोटूराम व उर्मिला ने बेटा-बेटी में कभी फर्क नहीं समझा।
-जब प्रतिभा पैदा हुई थी तब घर में थाली बजाकर खुशियां मनाई गई थी।
-यहीं नहीं बल्कि प्रतिभा के जन्म पर बेटे की उसका दशोठन भी किया गया था।
-आज उसी बेटी ने पूरे राजस्थान के बेटों से भी बड़ी सफलता हासिल की है।
असफलता ने बनाया ताकतवर
फाइटर पायलट बनने के बाद प्रतिभा पूनिया पिछले रविवार को अपने गांव नरवासी आई थी। प्रतिभा के परिजनों ने बताया कि फाइटर पायलट बनने के लिए उसने सात बार परीक्षा दी। छह बार में उसे रिजेक्ट कर दिया गया था। रिजेक्ट से वो मायूस नहीं हुई बल्कि अपनी कमियां सुधारती गई और राजस्थान की दूसरी फाइटर पायलट बेटी बनकर इतिहास रच दिया।
फाइटर पायलट बनने के बाद प्रतिभा पूनिया पिछले रविवार को अपने गांव नरवासी आई थी। प्रतिभा के परिजनों ने बताया कि फाइटर पायलट बनने के लिए उसने सात बार परीक्षा दी। छह बार में उसे रिजेक्ट कर दिया गया था। रिजेक्ट से वो मायूस नहीं हुई बल्कि अपनी कमियां सुधारती गई और राजस्थान की दूसरी फाइटर पायलट बेटी बनकर इतिहास रच दिया।