फतेहपुर १७ ०५ १२
लक्ष्मणगढ २८ १७ ११
धोद २८ १८ १०
पिपराली २३ १८ ०५
दांतारामगढ़ ३४ ३३ ०१
सीकरPublished: Dec 06, 2019 05:32:50 pm
Bhagwan
सरकार भले ही लाखों रुपए खर्च कर हाईटेक खेती बढ़ाने का दावा करे लेकिन हकीकत यह है कि रसायनों के बढ़ते प्रयोग से बंजर होने के कगार तक पहुंच रही ‘कोख’ का रखवाला ही नहीं है। इसकी बानगी यह है कि सीकर जिले में किसानों से सीधा संवाद रखने वाले कृषि पर्यवेक्षकों के १५ फीसदी पद खाली हैं। नतीजतन एक पर्यवेक्षक के पास चार से पांच ग्राम पंचायतों का भार है। किसान और कृषि विभाग के बीच सेतु का काम कृषि पर्यवेक्षक करता है, लेकिन लम्बे समय से यह संवाद टूटा हुआ है।