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बेरोजगारी में आक्रोश: सरकार की वादा खिलाफी से नाराज नौजवान सड़कों पर उतरने को मजबूर

locationसीकरPublished: Jun 16, 2018 05:19:47 pm

Submitted by:

vishwanath saini

उनका यह भी कहना है कि सरकारों को अब न केवल नौकरी बल्कि बेरोजगारों को 10 हजार रुपए तक बेरोजगारी भत्ता भी देना होगा।

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बेरोजगारी में आक्रोश: सरकार की वादा खिलाफी से नाराज नौजवान सड़कों पर उतरने को मजबूर

सीकर. बेरोजगार केन्द्र व राज्य सरकार की वादा खिलाफी से नाराज होकर आज सडक़ों पर उतरने पर मजबूर हैं। इन नौजवानों का कहना है कि इसका बदला विधानसभा चुनाव में लेंगे। उनका यह भी कहना है कि सरकारों को अब न केवल नौकरी बल्कि बेरोजगारों को 10 हजार रुपए तक बेरोजगारी भत्ता भी देना होगा। इन्हीं ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को एसएफआई व डीवाईएफआई के तत्वाधान में शहर की सडक़ों पर आक्रोश रैली निकाली गई। उसके बाद कलक्ट्रेट पर उग्र प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल को पांच सदस्य प्रतिनिधि मंडल ज्ञापन दिया। मंडल में सरपंच महावीर परसवाल, महेश पालीवाल, संतोष गुर्जर, राकेश सामोता शामिल थे। नौजवान सभा के अशोक कस्वां व एसएफआई के जिला सचिव विजेंद्र ढ़ाका के कहा सरकार की नीतियों के कारण शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई। जिसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष की जरूरत है। एसएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने हकों के लिए सरकार की बगावत करने की जरुरत है।

 

सात दिन बाद भी पीडि़तों को नहीं मिला न्याय
खाचरियावास. कस्बे के वार्ड 4 में पिछले सात दिनों से परेशान पीडि़त परिवार कन्हैया लाल जांगिड़ की मदद के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के महासचिव सीताराम लांबा पहुंचे। लांबा ने पीडि़त परिवार को 5000 रुपए और एक बोरी गेहूं दिया। इस मौके पर वार्ड के लोगों ने बारिश का पानी मकानों में घुस जाने के कारण पीडि़त परिवार के हुए नुकसान के बारे में बताया। सात दिन बाद भी बारिश के पानी की निकासी को लेकर कोई समाधान नहीं हो पा रहा है, पीडि़त परिवार के मकान कभी भी गिर सकते हैं। लांबा ने जल्द ही प्रशासन से मिलकर परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। गत शनिवार को हुई बारिश के पानी के आगे निकासी नहीं होने से पूरा पानी पीडि़त परिवारों के घरों में घुस गया जिस कारण से घर का पूरा सामान खराब हो गया। राजस्थान पत्रिका ने बार-बार समाचार प्रकाशन होने के बाद इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने से गांव के व आसपास के क्षेत्र के भामाशाह व समाजसेवी पीडि़त परिवार की आर्थिक सहायता भी की जा रही है।

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