अधिकारियों ने इस तरह निकाला रास्ता
उपखंड प्रशासन ने तहसीलदार की रिपोर्ट पर डाबला में सार्वजनिक रास्ता निकालने के लिए आरक्षित (सेट अपार्ट) एवं इसकी क्षतिपूर्ति के लिए गांव में ही बंजर भूमि में से चारागाह दर्ज किए जाने के प्रस्ताव भेजकर अभिशंषा की। साथ ही रास्ते को सार्वजनिक प्रयोजनार्थ सेट अपार्ट करना नितांत आवश्यक बताया। जिस पर जिला कलक्टर ने पंचायत डाबला में रकबा 0.82 हैक्टेयर भूमि चारागाह से पृथक कर 30 फीट चौड़े रास्ते के लिए आरक्षित (सेट अपार्ट) किया। वहीं चारागाह भूमि की क्षतिपूर्ति के लिए खसरा नंबर 1740/2 रकबा 2.17 हेक्टेयर किस्म बंजर में से 0.82 हेक्टेयर किस्म बंजर को चारागाह घोषित करने के आदेश जारी कर दिए।
एसडीएम कार्यालय के बाहर चला था अनशन
वर्ष 2011 में रास्ता काटने पर उस समय ग्रामीणों ने आंदोलन किया था। ग्रामीण उपखंड कार्यालय के सामने कई दिनों तक अनशन किया। कई अनशनकारियों की तबीयत भी खराब हो गई थी। महिलाएं भी अनशनकारियों के समर्थन में उतर कर धरने में शामिल हुई थी। अंत में प्रशासन ने चारागाह भूमि से रास्ता काटने का फैसला वापस लिया। फिर भी कई दिनों तक आंदोलन जारी रहा। उधर एसडीएम बृजेश गुप्ता ने कहा कि तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा गया है।