scriptProtest of right to health bill in sikar | राइट टृ हेल्थ बिल का विरोध: डॉक्टर्स के तर्क-इस तरह तो प्राइवेट वालों को फ्री देनी होगी सर्विस | Patrika News

राइट टृ हेल्थ बिल का विरोध: डॉक्टर्स के तर्क-इस तरह तो प्राइवेट वालों को फ्री देनी होगी सर्विस

locationसीकरPublished: Feb 08, 2023 09:50:44 pm

Submitted by:

Narendra Sharma

विरोध में उतरे डॉक्टर्स, प्रदेश में 11 फरवरी को चौबीस घंटे बंद रहेगी चिकित्सा सेवाएं
गरीब आम अवाम के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे एक मानवीय कदम को चिकित्सा जगत अपने पर कुठाराघात समझ रहा है।

राइट टृ हेल्थ बिल का विरोध: डॉक्टर्स के तर्क-इस तरह तो प्राइवेट वालों को फ्री देनी होगी सर्विस
राइट टृ हेल्थ बिल का विरोध: डॉक्टर्स के तर्क-इस तरह तो प्राइवेट वालों को फ्री देनी होगी सर्विस
विरोध में उतरे डॉक्टर्स, प्रदेश में 11 फरवरी को चौबीस घंटे बंद रहेगी चिकित्सा सेवाएं
गरीब आम अवाम के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे एक मानवीय कदम को चिकित्सा जगत अपने पर कुठाराघात समझ रहा है। सरकार का कदम है कि सरकारी की ही तरह प्राइवेट अस्पताल वाले भी आपातकाल या अन्य गंभीर बीमारी की हालत में मरीज को को-ओपरेट करे। पैसे नहीं, तो भी इलाज करे, लेकिन चिकित्सक इसका विरोध कर रहे हैं। अब निजी चिकित्सक आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। प्रदेश में 11 फरवरी को सुबह आठ बजे से 24 घंटे तक निजी अस्पताल, लैब, क्लीनिक, आपातकालीन सेवाओं सहित सभी तरह की चिकित्सा सेवाएं बंद रहेगी। जिससे सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर मरीजों का भार बढ़ जाएगा। राज्य संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमेन डॉ. सुनील चुग के निर्देश पर सीकर कलक्टर को संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने 11 फरवरी की हड़ताल की सूचना दी।
इस तरह समझे राइट टू हेल्थ बिल को
-इस बिल में इमरजेंसी में निजी अस्तालों को निशुल्क इलाज करने के लिए बाध्य किया गया है। निजी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी की परिभाषा और इसके दायरे को तय नहीं किया गया है। हर मरीज अपनी बीमारी को इमरजेंसी बताकर निशुल्क इलाज लेगा तो अस्पताल वाले अपने खर्चे कैसे चलाएंगे।
-राइट टू हेल्थ बिल में मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्राधिकरण का गठन प्रस्तावित है। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि प्राधिकरण में विषय विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए।
-राइट टू हेल्थ बिल में यह भी प्रावधान है कि अगर मरीज को अन्यत्र रैफर करना है तो एम्बुलेंस की व्यवस्था अस्पताल करेगा। डॉक्टर्स इसका विरोध कर रहे हैं।
-दुर्घटनाओं में घायल मरीज, ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक से ग्रसित मरीजों का इलाज हर निजी अस्पताल में संभव नहीं है। ये मामले भी इमरजेंसी इलाज की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में निजी अस्पताल इन मरीजों का इलाज कैसे कर सकेंगे।
आंदोलन की बनाई रूपरेखा
चिकित्सकों की प्रस्तावित हड़ताल के कारण निजी चिकित्सालयों में सभी इलेक्टिव सर्जरीज हड़ताल को ध्यान में रखकर ही प्लान की जाएगी। प्रत्येक शहर में गठित ज़िला टीम जयपुर के लिए वाहन एवं जलपान की व्यवस्था करेंगे। जो चिकित्सक जयपुर नहीं पहुंच सकेंगे। वे शहर में प्रदर्शन करेंगे। सीकर के प्राइवेट चिकित्सकों ने साइकिल रैली निकालकर प्रस्तावित राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी रखा यह लगातार आठवां दिन है जब चिकित्सक इसी तरह सडक़ों पर इस कानून के लिए विरोध जता रहे हैं गुरुवार सुबह रैली निकाली जाएगी।
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