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12 मार्च को मौन जुलूस
सेमीनार में महिलाओं ने अपने अधिकारों के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से पेश किया गए तीन तलाक बिल (विधेयक) का विरोध किया गया। सभी की सहमति से इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया और तय किया कि 12 मार्च को मौन जुलूस के माध्यम से विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। अतिया अंसारी ने कहा कि सरकार केवल तीन तलाक को मुद्दा बनाकर शरीयत में दखल देना चाहती है और उनका मकसद केवल परेशान करना है। समाज में औरतों को बहुत अहमियत दी गई, इस्लाम में बेटियों को रहमत बताया है। शगुफ्ता फलाही ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल तीन तलाक का बहाना बनाकर दखल अंदाजी हमें बर्दाश्त नही होगी। उन्होंने कहा कि इस्लाम में मर्द और औरत को बराबर तव्वजो दिया गया। लडक़ी का निकाह भी उसकी रजामंदी से ही होता है। महिलाओं की अधिकारों पर बात करते हुए सईदा बानो,शाहीन जाटू, नाजिया सैय्यद ने संबोधित किया।
प्रतियोगिता में महिला अधिकारों व तालीम पर चर्चा
स्कूल की छात्राओं में एक्सिलेंस की शबनम खोखर, अमन स्कूल की फायेजा तंवर व यूनिवर्सल स्कूल की मरियम बानो को सर्वश्रेष्ठ स्पीच के लिए पुरस्कार के लिए चयन किया गया। सेमीनार में मुस्लिम महिलाओं ने केंद्र सरकार की और से लाए जा रहे तीन तलाक बिल विधेयक का विरोध करने का प्रस्ताव पारित किया। मुस्लिम महिलाएं 12 मार्च को मौन जुलुस निकालकर विरोध दर्ज करवाएगी।