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पति-बेटे को खो चुकी महिला ने शुरू किया ऐसा घिनौना काम, जिसे जानकर हर कोई हैरान, जानें पूरा मामला

locationजयपुरPublished: Apr 10, 2018 05:17:28 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

पति और बेटे को खोने के बाद जुर्म की दुनिया में उतर आई महिला

woman arrested in opium supply

woman arrested in opium supply

हनुमानगढ़/जोधपुुर/जयपुर. पति और बेटे की मौत के बाद एक महिला क्या कर सकती है। आपके और हमारे दिमाग में कुछ ही चीजें आती हैं। या तो महिला सदमा बरदाश्त नहीं कर पाएगी, मानसिक अवसाद से घिर जाएगी या फिर मनोबल बढ़ा कर पैरों पर खड़ी हो जाएगी। लेकिन हम आपको जो कहानी सुना रहे हैं उसमें इस महिला ने अपने पति और बेटे की मौत के बाद कुछ ऐसा किया, जो सोचा भी नहीं जा सकता। इस महिला के घर से पुलिस ने 55 किलो अफीम बरामद की है। उसके घर से करीब 20 लाख रुपए भी मिले हैं। बरामद की गई अफीम की कीमत करीब 1 करोड़ रुपए के आस पास आंंकी गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी महिला पिछले 15 सालों से मादक पदार्थों की सप्लाई कर रही थी, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि स्थानीय पुलिस को इस महिला और उसके गिरोह की भनक तक ना लगी।

प्रदेश की जोधपुर नारकोटिक्स विभाग की टीम ने सोमवार को जंक्शन पुलिस थाना क्षेत्र के चिश्तियां गांव में इस महिला के मकान में छापा मारा। चंड़ीगढ़ नारकोटिक्स विभाग के डीएसपी कुलदीप शर्मा ने बताया कि उन्हें मुखबिर से पंजाब में बड़ी मात्रा में अफीम सप्लाई करने की सूचना मिली थी। सूचना के मुताबिक ये अफीम राजस्थान से आनी थी। इसलिए ये सूचना जोधपुर नारकोटिक्स विभाग की टीम को दी गई। सूचना के बाद दोनों टीमों ने मिलकर आरोपी का पीछा किया। ये आरोपी बोलेरो पिकअप में 55 किलो अफीम लेकर हनुमानगढ़ में सप्लाई करने पहुंचे। वहीं आरोपियों को पकड़ लिया गया।

पूछताछ में आरोपियों ने अपनी पहचान झालावाड़ निवासी रामफूल पुत्र नाथूलाल व गोविंद पुत्र मांगीलाल निवासी और चिश्तियां निवासी गुरचरणसिंह उर्फ चरणा पुत्र मुकुंदसिंह, उसका भतीजा हरदीपसिंह पुत्र भगवानसिंह व जसविंद्र कौर पत्नी जगराजसिंह बताया। पांचों आरोपी गिरफ्त में हैं और उनसे पूछताछ जारी है। आरोपियों से जब्त सामान में एक बोलेरो पिकअप व एक बाइक शामिल हैं। ये अफीम कोटा से यहां सप्लाई की जानी थी। आपको बता दें कि पिछले पांच सालों में हनुमानगढ़ में ये एनडीपीएस की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

अब आपको बताते हैं इस शातिर महिला की कहानी… बताया जा रहा है कि नारकोटिक्स विभाग की दोनों टीमें एक दिन पहले ही हनुमानगढ़ पहुंच गई थी। दोनों चिश्तियां गांव में जसविंद्र कौर उर्फ मामी के घर से होकर भी आए थे। अधिकारियों ने बताया कि कोटा से जैसे ही पिकअप निकली, उनके पास मुखबिर का फोन आ गया। टीमें चिश्तियां मोड़ के पास ही आरोपियों की बाट जोह रही थी। सुबह करीब चार बजे बोलेरो पिकअप गांव की तरफ मुड़ी और उसके पीछे पुलिस ने अपनी जीप लगा दी। आरोपियों ने पिकअप जसविंद्र कौर के घर के अंदर खड़ी कर दी। जैसे ही वे गेट बंद करने लगे टीम पहुंच गई और उन्हें दबोच लिया।
पैर में फ्रैक्चर पर है गिरोह का मास्टरमाइंड
आरोपी गुरचरणसिंह उर्फ चरणा गिरोह का मास्टरमाइंड है। इसके खिलाफ जंक्शन पुलिस थाना में सात मामले दर्ज हैं। हो चुके हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि सड़क हादसे में उसके एक पैर में फैक्चर हो गया था, तब से वह ठीक से चल नहीं पाता। गुरचरण ही जसविंद्र कौर उर्फ मामी के घर से मादक पदार्थों की सप्लाई करवाता था। पूरा गैंग मोबाइल के सहारे चलता था। आरोपी रामफूल व गोविंद कोटा व जोधपुर से अफीम की सप्लाई जसविंद्र कौर के मकान पर करते थे। यहां से वे पैसे लेकर चले जाते। इसके बाद जसविंद्र कौर इस माल की सप्लाई पंजाब और आसपास के इलाके में करवाती थी।
बेटे-पति की मौत के बाद आई अफीम तस्करी में
जसविंद्र कौर चिश्तियां गांव में मामी के नाम से मशहूर है। मामी इतनी शातिर कि वो 15 साल से अफीम तस्करी कर रही थी, पर उसके खिलाफ आज तक एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। मामी काफी समय पहले ही अपने पति और बेटे को खो चुकी है। मामी का रोल सप्लाई होने वाली अफीम को अपने घर के तहखाने में छुपा कर रखने का था।
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