नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे की जमीन है, हम पानी निकासी की व्यवस्था कैसे करे। नवलगढ़ पुलिया के पास पानी निकासी के लिए डैम बना रहे थे, रेलवे ने अपनी जमीन होने का हवाला देकर कार्य रुकवा दिया। ऐसे में हम पानी निकासी कैसे करें। मण्डावा पुलिया के पास पहले हम रेलवे की जमीन पर पानी निकासी करते थे, अब रेलवे ने दीवार बनाकर भराव कर दिया। ऐसे में उस पानी के निकासी की कोई जगह नहीं है। उधर, रेल अधिकारियों का कहना है कि उक्त अण्डरपास पानी निकासी के लिए छोड़े गए है। हमने बुधगिरी मण्ढी के पास अंडरपास बनाया है उसमें पानी नहीं भरता है। अगर भरता है तो उसे निकालने की जिम्मेदारी हमारी है। आवागमन के लिए फाटक दे रखा है व एक अंडरपास है।
यात्री होते हैं परेशान
मंडावा पुलिया में पानी भराव से ज्यादा समस्या होती है। खेतड़ी से बीकानेर जाने वाली बसें फतेहपुर तक आती है। फतेहपुर में यात्रियों को बसे चेंज करवाई जाती है। दिल्ली से लाडनू आने वाले हरियाणा रोडवेज फतेहपुर में पुल के पास आकर रुक जाती है। दूसरे दिन वो यही से वापस चलती है। ऐसे में विदेशी सैलानियों सहित अन्य सभी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। लेकिन उसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकल रहा है। एसडीएम से लेकर प्रशासन को इसकी सुध लेने के लिए समय तक नहीं हैं।
क्यों चुप थे जनप्रतिनिधि और अधिकारी
फतेहपुर में रेलवे का आमान परिवर्तन कार्य के दौरान मण्डावा व नवलगढ़ मार्ग पर रेलवे ने अंडरपास बनाया। लेकिन इसे पानी निकासी का नाला ही बता दिया। जब ऐसी स्थिति बनी तो जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने आवाज नहीं उठाई। हालात यह फतेहपुर से मंडावा, झुंझुनूं व दिल्ली, नवलगढ़, साइड जाने के लिए इन दोनों पुलिया के अलावा अन्य कोई मार्ग नहीं है। जिस समय कार्य चल रहा था उस समय किसी ने इनको अंडरपास बनाने की मांग नहीं उठाई। अगर अंडर पास बनता तो रेलवे की जिम्मेदारी होती पानी निकासी की।