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सीकर में देररात सहम उठे भूमिपुत्र, 13 जिलों में बरसात के साथ ओलावृष्टि का अलर्ट

locationसीकरPublished: Jan 28, 2020 12:40:53 am

Submitted by:

Narendra

चूरू में सुबह कोहरे संग बूंदाबांदी, सीकर में देर रात बरसे बदरा, देर रात तक रुक-रुक कर बारिश का क्रम जारीन्यूनतम तापमान आठ डिग्री बढ़ा, अधिकतम तापमान दो डिग्री गिरा

सीकर में देररात सहम उठे भूमिपुत्र, 13 जिलों में बरसात के साथ ओलावृष्टि का अलर्ट

सीकर में देररात सहम उठे भूमिपुत्र, 13 जिलों में बरसात के साथ ओलावृष्टि का अलर्ट

सीकर. शेखावाटी में सोमवार को मौसम का मिजाज फिर तीखा हो गया। अंचल में सुबह कई स्थानों पर कोहरा छाया। चूरू जिले में बूंदाबांदी के बाद चली नम हवाओं ने आमजन को ठिठुरा दिया। सीकर में देर रात तेज हवाओं संग बारिश हुई। रात करीब सवा नौ बजे शुरू हुई बारिश का दौर पांच मिनट तक चला। इसके बाद बाद जिले में कई जगह रूक-रुक कर बारिश का क्रम जारी रहा। बारिश के कारण एक बार फिर सर्दी तेज हो गई। इधर मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 48 घंटे में फिर से सर्दी बढ़ेगी। विभाग ने प्रदेश के 13 जिलों में बरसात व ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। बादलों के छाए रहने के कारण सीकर में न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री उछलकर 13.5 डिग्री पहुंच गया। दोपहर बाद मौसम खुला लेकिन कुछ देर बाद फिर बादल छा गए। दिन में नमी के कारण अधिकतम तापमान दो डिग्री गिर गया। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर न्यूनतम तापमान 13. 5 डिग्री और अधिकतम तापमान २४ डिग्री दर्ज किया गया।
यह है मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक 29 जनवरी को पूर्वी राजस्थान के सीकर, झुंझुनूं, जयपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली में बरसात के साथ ओले गिर सकते हैं। हालांकि इस दिन पश्चिमी राजस्थान में इसका असर नहीं रहेगा। जबकि 30 जनवरी यानि गुरुवार को भी सीकर, झुंझुनूं, अलवर, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली के अलावा पश्चिमी जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू में घना कोहरा देखने को मिल सकता है।
किसानों की चिंता
फिलहाल मौसम से पूरे प्रदेश में राहत है। तापमान में बढ़ोत्तरी होने के साथ शीतलहर का असर कम हो गया हो लेकिन मौसम में आ रहे बदलाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि इन दिनों सरसों, चना व जौ सहित सब्जियों का खेतों में अंबार है। जिन्हें ओले नुकसान पहुंचा सकते हैं। सर्दी के दिन वापस लौटाकर अंचल को फिर से कंपा सकता है। बुजुर्ग किसानो की माने तो बसंत पंचमी से पहले आम तौर पर बारिश के संग ओले गिरते रहे हैं। इस कारण अब बरसात के साथ ओलावृष्टि के अंदेशे ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है।

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