40 दिन में बोर्ड को यह करनी होगी कवायद
बोर्ड को स्कूलों से वैटेज के आधार कवायद करनी होगी। इसलिए कमेटी ने बोर्ड को 40 दिन का समय दिया है। स्कूलों से बच्चों का कक्षा आठवीं, नवीं के साथ दसवीं के ऑनलाइन कक्षाओं का रेकार्ड मिलने के बाद बोर्ड परिणाम जारी कर सकेगा। इसी तरह बारहवीं के लिए दसवीं व 11 वीं के अंकों को वैटेज देकर फॉर्मूला तैयार किया गया है।
प्रायोगिक परीक्षा देना रहेगा अनिवार्य
जिन विद्यार्थियों के प्रायोगिक विषय है उनको परीक्षा देनी होगी। इसके लिए बोर्ड की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों विकल्प शिक्षा मंत्री के सामने रखे गए है। शिक्षा मंत्री की ओर से प्रायोगिक परीक्षाओं की तिथि को लेकर भी अधिकृत घोषणा किए जाने की संभावना है।
नंबरों से संतुष्ट नहीं तो एग्जाम का विकल्प
यदि कोई विद्यार्थी राजस्थान बोर्ड के फॉर्मूले के आधार पर बने अंक प्रतिशत से संतुष्ट नहीं होता है तो सीबीएसई की तरह एग्जाम देने के रास्ते खुले रहेंगे। ऐसे विद्यार्थियों की अंकतालिका कॉपी जांचे जाने के बाद ही जारी होगी। इसके लिए कमेटी की बैठक में विद्यार्थियों को आपत्ति दर्ज कराने के विकल्प पर भी चर्चा हुई थी।
प्राईवेट विद्यार्थियों को इसलिए देनी होगी परीक्षा
प्राइवेट विद्यार्थियों की परीक्षा लेने के प्रस्ताव पर कमेटी में सहमति बनी है। सूत्रों की मानें तो कमेटी के सामने यह मुद्दा आया कि इन विद्यार्थियों के पास नवीं के अंकों का रेकार्ड नहीं है। ऐसे में इनकी परीक्षा लिया जाना ही अंतिम विकल्प है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि इन विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं किया जाएगा।
अंक गणना का फॉर्मूला तैयार: शिक्षा मंत्री
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कक्षा दसवीं व 12 वीं के विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने अंक गणना का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को मिल गई है।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री