परीक्षा में 80 फीसदी से ज्यादा सरकारी शिक्षक बैठैंगे। जबकि करीब बीस फीसदी निजी शिक्षक परीक्षा में भाग्य आजमाएंगे। आयोग की इस परीक्षा के लिए कम से कम पांच वर्ष का शिक्षण कार्य का अनुभव मांगा है। डिग्री या डिप्लोमा के साथ स्नातक तथा देवनागरी स्क्रिप्ट और राजस्थानी संस्कृति के ज्ञान में लिखित हिंदी का कार्य ज्ञान होना अनिवार्य है।
केस-01
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नेहरों की ढाणी धोद में कमल सेवदा तृतीय श्रेणी शिक्षक है। सेवदा कई माह से प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, अब उनको बीएलओ लगा दिया गया है। उनका अधिकांश समय चुनावी कार्य में लग रहा है।
केस-02
चूरू जिले के रतनगढ़ के बछरारा गांव के राजकीय विद्यालय में शिक्षक शुभकरण नैन ने बताया कि वे कई माह से प्रधानाध्यापक बनने का ख्वाब लेकर दिन-रात तैयारी कर रहे थे। अब जब परीक्षा की तारीख दो सितम्बर नजदीक आ रही है,उसे बीएलओ बना दिया गया है। हालत यह हो गई कि रविवार को भी बीएलओ का कार्य करना पड़ रहा है।
केस-03
धोद के दीपपुरा चारणान गांव में सरकारी विद्यालय में रामचंद्र सेवदा सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि एनवक्त पर उसे बीएलओ बना दिया गया है। यह गलत है। अब या तो उनको बीएलओ से हटाया जाए या फिर परीक्षा की तारीख आगे की जाए।
यह दे रहे परीक्षा
पांच वर्ष या इससे ज्यादा अनुभव रखने वाले सरकारी/ निजी शिक्षक। द्वितीय श्रेणी वाले शिक्षक और व्याख्याता।
फै क्ट फाइल
पद नाम- प्रधानाध्यापक
परीक्षा की तारीख -2 सितम्बर
कु ल पद -1200
वेतन – लेवल 14 के अनुसार