राज्य की राजनीति में दिग्गजों में शुमार शेखावाटी के नेता प्रचार से दूर नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि सीकर जिले में कांग्रेस और भाजपा के करीब एक दर्जन नेताओं की गिनती राज्य के बड़े नेताओं में होती है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, दो पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, शिक्षा मंत्री, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित करीब दर्जनभर दिग्गज नेताओं का निवास है। इसके बाद भी ज्यादातर नेताओं की सक्रियता नजर नहीं आ रही है।
पदाधिकारी भी दूर
निकाय चुनावों में सबसे ज्यादा बिखराव सत्ताधारी दल में नजर आ रहा है। जिला कांग्रेस सहित उनकी कार्यकारिणी चुनावों में कहीं नहीं दिख रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस कमेटी की 123 सदस्यों की कार्यकारिणी है। इसके बावजूद चुनावों में उनकी उपस्थिति नगण्य है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सीकर में टिकट वितरण में बड़े नेताओं की सिफारिशों को अनदेखा करने को भी इसका कारण माना जा रहा है।
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नहीं बनी कार्यकारिणी
जिला मुख्यालय पर कांग्रेस में संगठन पूरी तरह निष्प्रभावी नजर आ रहा है। यहां संगठन कुछ नेताओं तक सीमित हो कर रह गया है। एक साल से ज्यादा समय होने को आया है कि इसके बाद भी सीकर व पिपराली ब्लाक की कार्यकारिणी घोषित नहीं हुई है। इससे कार्यकर्ता भी कुंठित नजर आ रहे हैं।
भाजपा भी नहीं अछूती
ऐसा नहीं है कि संगठन में अंतर्विरोध सत्ताधारी कांग्रेस में ही है, प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा भी इससे अछूती नहीं है। भाजपा के दिग्गज नेता पूरे मन से चुनावों में नहीं जुटे हैं। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा व पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज सिंघानिया, पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया, पूर्व विधायक गोरधन वर्मा सहित ज्यादातर बड़े नेता चुनावों में नदारद नजर आ रहे हैं। सांसद एक दो मीटिंगों में जरूर नजर आए। प्रेम सिंह बाजौैर नीमकाथाना में चुनाव होने से वहीं उलझे हुए हैं। सीकर में पूर्व जिलाध्यक्ष महेश शर्मा ने विधानसभा चुनावों में पार्टी को अलविदा कह दिया था।
दीदार को तरसे कार्यकर्ता
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा है कि बड़े नेताओं की दूरी के कारण पालिका चुनावों की रंगत फीकी नजर आ रही है। इन निकाय चुनावों में कांग्रेस कार्यकर्ता परसराम मोरदिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व मंत्री व खंडेला से विधायक महादेवसिंह खंडेला व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत व राज्य सरकार में मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा जैसे दिग्गज नेताओं के दीदार को तरस गए। इनमें से सुभाष महरिया, परसराम मोरदिया, गोविंद सिंह डोटासरा व महादेव सिंह खंडेला का तो जिला मुख्यालय पर निवास है। वहीं बुजुर्ग नेता चौधरी नारायणसिंह के अस्वस्थ होने के कारण कार्यकर्ताओं को उनका साथ नहीं मिल पा रहा है।