राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड जयपुर की ओर से पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा-2015 का आयोजन किया गया था। परीक्षा दो चरणों में हुई। पहले प्रारंभिक परीक्षा हुई इसके बाद मुख्य परीक्षा। प्रारंभिक परीक्षा में लाखों की संख्या में विद्यार्थियों ने अपना भाग्य आजमाया। दोनों परीक्षाओं का परिणाम जारी कर दिया गया।
अंतिम चयन के बाद अनेक घरों में तो मिठाई भी बांटी गई। लेकिन 354 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने दोनों परीक्षा उत्तीर्ण कर ली, इसके बावजूद वे आगे की कार्रवाई के लिए शामिल नहीं हो रहे। 23 मार्च 2018 को बोर्ड ने अस्थाई रूप से चयनित युवाओं की तृतीय सूची की पात्रता की जांच राजस्व मंडल अजमेर की ओर से 9 से 12 अपे्रल 2018 तक की गई थी। लेकिन यह 354 अभ्यर्थी पात्रता की जांच में अनुपस्थित रहे। इसके बाद इनको फिर एक और मौका दिया गया। पात्रता की जांच के लिए 16 अप्रेल को बुलाया। लेकिन 16 अप्रेल 2018 को भी यह अभ्यर्थी नहीं आए।
इतना है वेतनमान
इस भर्ती में पटवार पद का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड पे रुपए 2400 रखा गया था। इसके अलावा नौ माह का प्रशिक्षण भी अनिवार्य है।
यह है कारण
जानकारों का कहना है पटवारियों के पास कार्य ज्यादा हैं। फील्ड की नौकरी होने के कारण किसानों/ग्रामीणों से भी कई बार कई प्रकार की बात सुनने को मिल जाती है। जिनका चयन हुआ है, उनकी दूसरी जगह नौकरी लग गई या दूसरी नौकरी की तैयारी में लगे हुए हैं। इसके अलावा कई पात्रता पूरी नहीं कर पा रहे, इसलिए भी जांच के लिए उपस्थित नहीं हो रहे।
सीकर के पास किरड़ोली के संदीप व सीकर के कमलेश का पटवार भर्ती में चयन हो गया, लेकिन बाद में दोनों ने ही वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा भी उन्होंने उत्तीर्ण कर ली। अब वे पटवारी नहीं बनना चाहते। दोनों के अलावा भी ऐसे अनेक युवा हैं, जिनका दूसरी परीक्षा में चयन हो गया।
तीन साल बाद भी ऐसे हाल
पटवार सीधी भर्ती परीक्षा 2015 के लिए चार नवम्बर 2015 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। कुल 44 सौ पदों के लिए यह भर्ती हुई। प्रारंभिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए गृह जिले की बजाय दूसरे जिले में भेजा गया था। इसके बाद परिणाम जारी किया गया। मुख्य परीक्षा हुई। उसका परिणाम जारी किया गया। फिर अन्य कागजी कार्रवाई हुई। मतलब प्रशासन की सबसे निचली कड़ी की पटवारी के चयन की कार्रवाई में भी बोर्ड ने करीब ढाई साल का समय लगा दिया, फिर भी कार्रवाई पूरी नहीं हो रही। इतनी ढीली कार्रवाई से भी युवा परेशान हैं।
सभी वर्गों के शामिल
जो अभ्यर्थी नहीं आ रहे, उनमें सामान्य, एससी,एसटी, ओबीसी व महिला सहित लगभग सभी वर्गों के युवा शामिल हैं। इनमें गैर अनुसूचित क्षेत्र के 310 एवं अनुसूचित क्षेत्र के 44 अभ्यर्थी हैं।