scriptअब सीकर का इतिहास पढ़ेगा राजस्थान | Rajasthan read the Histry of kisan aandolan sikar | Patrika News

अब सीकर का इतिहास पढ़ेगा राजस्थान

locationबांसवाड़ाPublished: Jun 13, 2017 01:55:00 am

Submitted by:

dinesh rathore

सीकर के ऐतिहासिक किसान आंदोलन को अब पूरा राजस्थान पढ़ेगा।

सीकर के ऐतिहासिक किसान आंदोलन को अब पूरा राजस्थान पढ़ेगा। किसान आंदोलन को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर ने दसवीं की सामाजिक विज्ञान व बारहवीं की इतिहास की पुस्तक में शामिल किया है। बच्चों को स्कूल की पढ़ाई के दौरान यह इतिहास पढ़ाया जाएगा। इतिहास को पुस्तकों में शामिल करने के लिए जिले के लेखकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कक्षा दस की सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तक निर्माण समिति में सीकर के राजकीय महाविद्यालय के डॉ ग्यारसीलाल जाट, हीरालाल जांगिड़, सीकर के भूपेन्द्र दुल्लड़ , चूरू के सुरेन्द्र डी सोनी व अन्य शामिल हैं। इनके अलावा 12वीं की इतिहास की पुस्तक के लेखक मण्डल में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बलारां के व्याख्याता रहे अरविंद भास्कर शामिल है।
इस प्रकार है इतिहास का जिक्र

पुस्तक में लिखा है कि सीकर किसान आंदोलन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सोतिया का बास गांव में महिलाओं के साथ किए गए दुव्र्यहार के विरोध में 25 अप्रेल 1934 को कटराथल नामक स्थान पर किशोरी देवी की अध्यक्षता में विशाल महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। सीकर ठिकाने ने उस सम्मेलन को रोकने के लिए धारा 144 लगा दी। इसके बावजूद काननू तोड़कर महिलाओं का यह सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। जिनमें दुर्गादेवी शर्मा, फूलां देवी, रमादेवी, उत्तमादेवी आदि प्रमुख थी। 25 अप्रेल 1935 को जब राजस्व अधिकारियों का दल लगान वसूलने कूदन गांव पहुंचा तो एक वृद्ध महिला धापी दादी की ओर से उत्साहित किए गए किसानों ने सामूहिक रूप से लगान देने से इंकार कर दिया। पुलिस ने किसानों पर गोलियां चलाई। जिसमें चार किसान चेतराम, टीकूराम, तुलछाराम व आशाराम शहीद हो गए। 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस किसान आंदोलन की गूंज ब्रिटिश संसद में भी सुनाई दी। 1935 के अंत तक किसानों की अधिकांश मांगें स्वीकार कर ली गई। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेताओं में सरदार हरलाल सिंह, नेतरामङ्क्षसह गौरीर, पन्नेसिंह बाटड़ानाऊ, हरूसिंह पलथाना, गौरूङ्क्षसह कटराथल, ईश्वरङ्क्षसह भैंरूपुरा व लेखराम आदि शामिल रहे। 
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो