इकलौता बेटा व इकलौते बेटे का पिता था जवान
जवान भगवानाराम दो बहनों के बीच अपने पिता का इकलौटा बेटा था। वहीं, पांच साल के इकलौते बेटे का पिता भी था। जवान की शहादत की सूचना पर बूढ़े माता- पिता व पत्नी का रो- रो कर बुरा हाल है। परिवार सहित पूरा गांव गम में डूबा नजर आ रहा है।
दो दिन बाद शादी में आने वाला था जवान, 10 को था जन्म दिन
सिपाही भगवाना राम सात दिसंबर को ही छुट्टी पर गांव आने वाला था। जवान को 10 दिसंबर को भान्जे तथा 11 व 12 दिसंबर को ससुराल में शादी में शरीक होना था। पर इससे पहले ही वह देश के लिए शहीद हो गया।
37 वर्षीय भगवाना राम 2001 में 17 वर्ष की उम्र में पांचवी जाट बटालियन में भर्ती हुआ था। 10 दिसंबर को ही जवान का 38वां जन्मदिन भी था।
जानकारी के अनुसार बारामुला में पोस्टमार्टम के बाद शहीद की पार्थिव देह श्रीनगर एयरपोर्ट तक लायी जा चुकी है। जहां से हवाई जहाज से शव दिल्ली एयरपोर्ट लाया जाएगा। दिल्ली से देह सरकारी वाहन में सड़क मार्ग से गांव पहुंचेगी। जिसके बाद सोमवार को सैनिक व राजकीय सम्मान से शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।