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राजस्थान में बेरोजगारी भत्ते में सामने आया फर्जीवाड़े का बड़ा खेल, जानिए पूरा मामला

locationसीकरPublished: Jul 19, 2019 02:26:29 pm

Submitted by:

Naveen

Rajasthan Unemployment Allowance : प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भत्ता ( Unemployment allowance ) लेने वाले जिले में फर्जीवाड़े ( Forgery in Documents ) का खेल चरम पर हैं। नियमों के अनुसार दो साल से अधिक किसी बेरोजगार युवा को भत्ते का लाभ नहीं मिल सकता है।

Rajasthan Unemployment Allowance : प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भत्ता लेने वाले जिले में फर्जीवाड़े का खेल चरम पर हैं। नियमों के अनुसार दो साल से अधिक किसी बेरोजगार युवा को भत्ते का लाभ नहीं मिल सकता है।

राजस्थान में बेरोजगारी भत्ते में सामने आया फर्जीवाड़े का बड़ा खेल, जानिए पूरा मामला

रविन्द्र सिंह राठौड़, सीकर.

Rajasthan unemployment Allowance : प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भत्ता ( unemployment allowance ) लेने वाले जिले में फर्जीवाड़े ( Forgery in Documents ) का खेल चरम पर हैं। नियमों के अनुसार दो साल से अधिक किसी बेरोजगार युवा को भत्ते का लाभ नहीं मिल सकता है। लेकिन फर्जीवाड़े के चलते कई युवा बड़ी आसानी से वर्षों से भत्ता उठा रहे हैं। लेकिन विभाग इस फर्जीवाड़े के खेल को पकडऩे में नाकाम साबित हो रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश के सैकड़ों युवा भत्ते के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है। लेकिन सरकारी लापरवाही के चलते पात्र युवाओं ( Youth Unemployment ) के हक में सेंधमारी हो रही है। रोचक बात यह है कि कई युवा तो सरकारी कागजों में हेराफेरी कर लगातार भत्ता लेने में भी सफल हो रही है।


लचीले नियमों से फर्जीवाड़े की राह ( Details Fill in Unemployment Allowance )
पंजीयन के समय बेरोजगार युवा का बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी तथा पंजीयन संख्या का मिलान किया जाता है। लेकिन फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले युवा दोबारा पंजीयन करते समय ई-मित्र संचालकों की मदद से आसानी से तीनों ही आधार मिटा देते है। मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी बदलकर तथा दूसरा बैंक खाता खोलकर ई-मित्र संचालकों की मदद से पंजीयन संख्या बदली जा रही हैं।


ऑनलाइन में ज्यादा फर्जीवाड़ा ( Online Application of Unemployment Allowance )
वर्ष 2007 मे बेरोजगार युवाओं को भत्ते का लाभ मिलना प्रारंभ हुआ। वर्ष 2015 तक योजना का पंजीयन ऑफलाइन चला। ऑफलाइन पंजीयन के समय 10 वीं बोर्ड कक्षा की अंकतालिका के पीछे विभाग की मुहर लगी। लेकिन इसके बाद ऑनलाइन में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया। ऑनलाइन में बैंक खाता, मोबाइल नंबर व पंजीयन संख्या ही मुख्य आधार बन गया, जिससे फर्जीवाड़ा भी संभव हो गया।

 

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दोबारा करा लिया पंजीयन
नवलगढ़ रोड निवासी एक जने ने 17 जुलाई 2014 में पंजीयन कर एक साल तक बेरोजगारी भत्ता उठाया। उसके बाद दो फरवरी 2018 को फिर से पंजीयन कर भत्ता लिया। इसके बाद भी लगातार भत्ता उठाने के लिए आवेदन किया।


इसमें भी जिले की बेटियां आगे
योजना के तहत विभाग के पास एक फरवरी से 17 जुलाई 2019 तक 24107 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 12500 बेटियां और 11607 बेटे शामिल हैं। इन आवेदनों में 3365 स्वीकृत, 622 निरस्त और 17583 कमी पूर्ति के लिए वापस लौटाएं गए है। विभाग के पास ओबीसी कैटेगरी के 16845, जनरल 3363, एससी 2691, एसटी 641, अल्पसंख्यक 159 और दिव्यांग के 90 आवेदन प्राप्त हुए हैं।


पात्र को मिले लाभ
सरकार की मंशा है कि पात्र व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिले। आवेदनों की जांच के लिए कई स्तरों पर अधिकारियों की टीम सरकार द्वारा लगाई गई है। पात्र अभ्यर्थियों को ही भत्ता दिलाने की शत प्रतिशत कोशिश रहती है। युवाओं को किसी भी गलत दस्तावेज के सहारे आवेदन नहीं करना चाहिए। रिन्यू व ई-मित्रों के लिए भी निर्देश जारी किए गए है। जांच में फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -चैन सिंह शेखावत, जिला रोजगार अधिकारी, सीकर

 

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16.17 करोड़ का भत्ता खातों में जमा
राज्य सरकार की मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत स्नात्तक बेरोजगारों को 3 हजार रुपए एवं महिला, दिव्यांग जन बेरोजगारों भत्ता 3500 रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। योजना के तहत 16 करोड़ 17 लाख 59 हजार 250 रुपए का भत्ता बेरोजगारों के खातों में चला गया है। जिला रोजगार कार्यालय सीकर की ओर से वर्ष 2018-19 में 7005 स्वीकृत पंजीयन धारकों को 9 करोड़ 12 लाख 68 हजार 250 रुपए तथा सत्र 2019-20 में 8 जुलाई तक 9656 पंजीयन बेरोजगारों को 7 करोड़ चार लाख 91 हजार रुपए उनके खाते में जमा हो गए।


फैक्ट फाइल
बेटियां 12500
बेटे 11607
दिव्यांग 90


दो साल में भत्ता दिया: 16 करोड़ 17 लाख 59 हजार 250 रुपए
2018-19 में आवेदन स्वीकृत: 7005
भत्ता दिया: 9 करोड़ 12 लाख 68 हजार 250 रुपए
2019-20 में 8 जुलाई तक: 9656 पंजीयन
भत्ता दिया: 7 करोड़ चार लाख 91 हजार
दो साल में भत्ता दिया: 16 करोड़ 17 लाख 59 हजार 250 रुपए

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