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नम आंखों से दी गई शहीद राजेन्द्र को अंतिम विदाई, दो साल बेटी ने दी मुखाग्नि, माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल…

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद राजेन्द्र नैण को हजारों नम आंखों ने विदाई दी।

सीकरJan 02, 2018 / 02:39 pm

vishwanath saini

sikar news
रतनगढ़

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद राजेन्द्र नैण को हजारों नम आंखों ने विदाई दी। मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव गौरीसर में किया गया। इस दौरान पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। श्मशान घाट में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शहीद की दो वर्षीय बेटी मिष्टी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और साथ में चचरे भाई सुभाष नैण मौजूद रहे। इस दौरान परिजन व रिश्तेदार राजेन्द्र की याद में बिलख पड़े। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया। मंगलवार को गांव गौरीसर में राजेन्द्र के पार्थिव देह को अजमेर सीआरपीएफ की सैन्य टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर व तोपो की सलामी दी। वहीं अंतिम यात्रा में मंत्री राजकुमार रिणवां, प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी, जिला प्रमुख हरलाल सहारण, जिला कलक्टर ललित गुप्ता, चूरू एसपी राहुल बारहट, सांसद नरेंद्र बुडानिया आदि मौजूद रहे। बता दें कि शनिवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के कमांडो टे्रनिंग सेंटर पर हुए फिदायीन हमले में रतनगढ़ के राजेन्द्र नैण शहीद हो गए थे।
पिता ने कहां गर्व है मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ

हमले में शहीद की बॉडी जब सोमवर को पैतृक गांव पहुंची। इसके बाद बेसुध शहीद की बहन ज्योंही घर में पहुंची तो वहां का माहौल देख बिलख पड़ी। गांव में चूल्हे तक नहीं जले। एसडीएम संजू पारीक शहीद के पिता सहीराम को संदेश सुनाते समय समय भाउक हो गई। लेकिन उन्होंने पिता को ढांढस बंधाया। इसके कुछ ही देर बाद पत्नी दो साल की बेटी मिष्ठा के साथ ससुराल पहुंची। माहौल को देख वह चीख-चीख कर बिलखने लगी। महिलाओं ने उसे संभालकर घर के अंदर पहुंचाया। पत्नी रो-रो कर बेहोश हो गई। पार्थिक देह आने के इंतजार में लोग रात भर शहीद के घर बैठे हुऐ थे।

दो साल पहले ही भर्ती हुआ था शहीद

राजेन्द्र दो वर्ष पहले ही सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। सीआरपीएफ की 130बी बटालियन श्रीनगर में तैनात था। कुछ समय के लिए उसकी ड्यूटी गुडग़ांव भी लगी थी। राजेन्द्र की शादी चार वर्ष पहले चुआस (फतेहपुर) की प्रियंका के साथ हुई थी। उसके दो साल की बेटी है मिष्ठा। राजेन्द्र के पिता सहीराम खेती करते हैं। माता सावित्री देवी गृहणी है। राजेन्द्र केे बड़े दो भाई भागीरथ व जैनाराम हैं जिनमें से भागीरथ दुबई में श्रमिक का कार्य करता है। दूसरा भाई पिता के साथ कृषि में हाथ बंटाता है। बड़ी बहन इमरता व छोटी बहन शारदा है।

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