कुर्सी बचाने के लिए गहलोत लगाते हैं दरबार के चक्कर
प्रेसवार्ता में राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनकी सरकार पर भी सियासी हमले किए। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार घोषणावीर है। घोषणा करके भूलजाना गहलोत की फितरत है। फिर चाहे बजट की घोषणा हो, राज्यपाल अभिभाषण की घोषणा हो या जन घोषणा हो। कहा कि गहलोत सरकार से जनता इतनी परेशान है कि आज मौका मिल जाए तो वोट की चोट से आज सरकार को विदा कर दे। बोले, गहलोत सरकार अंर्तद्वंद से भरी हुई सरकार है। जिसके मुखिया हर सप्ताह दिल्ली दरबार में कुर्सी बचाने के लिए हाजरी दे रहे हैं। ऐसे मुखिया से अब किसी को कोई उम्मीद नहीं है। प्रदेश की जनता दहशत व कर्ज में है। हर राजस्थानी पर 50 हजार का कर्ज है। जबकि सरकार के कुल राजस्व से 139 प्रतिशत से ज्यादा का हिस्सा वेतन, पेंशन व ऋण अदायगी में जा रहा है।
पर जीवी सरकार, पेट्रोल डीजल के लिए राज्य जिम्मेदार
राठोैड़ ने गहलोत सरकार को परजीवी सरकार कहा। कहा, कि राज्य सरकार आर्थिक रूप से परजीवी हो चुकी है। जो केंद्र के कर व अनुदान पर निर्भर है। उन्होंने पेट्रोल- डीजल की मूल्य वृद्धि के लिए भी प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि देश में सबसे ज्यादा वैट लगाकर राज्य सरकार जनता का शोषण कर रही है। सरकार को उसमें कटौती कर जनता को राहत देनी चाहिए।
पांच सत्र में हुई कार्यकारिणी की बैठक
इससे पहले भाजपा कार्यकारिणी की बैठक भाजपा के नए कार्यालय में पांच सत्रों में हुई। जिसमें संगठन की रीति नीति, किसानों व आमजन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान सांसद सुमेधानंद सरस्वती, संगठन प्रभारी दिनेश धाबाई, किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हरिराम रणवां, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मालूराम, भाजपा प्रदेश मंत्री मधु कुमावत, जिलाध्यक्ष इंद्रा चौधरी, महामंत्री भंवर लाल वर्मा, रमेश जलधारी,भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष रतनलाल सैनी, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनीता शर्मा, डॉ बलवंत सिंह चिराना, मदन जांगिड़ सहित भाजपा के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।