तस्वीर एक : शहीद भाई को राखी बांधकर भावुक हुई बहनें
शहीदों की मौत नहीं होती। वह अमर होते हैं। इसी सोच को सार्थक करती तस्वीर भैंरुपुरा से सामने आई। जहां शहीद महेश भामू की बहन भगवती व कमला शहीद भाई की प्रतिमा के पास पहुंची। दोनों ने शहीद की प्रतिमा को तिलक किया और राखी बांधी। इस दौरान दोनों भाई को याद कर एकबारगी भावुक जरूर हुई, लेकिन दूसरे ही पर शहीद की वीरता और अमरता को याद कर गर्वित भाव से वापस लौट गई।
तस्वीर दो: कोरोना रक्षकों के बांधा रक्षा सूत्र
भाजपा महिला मोर्चा की ओर से रविवार को कोरोना योद्धा पुलिसकर्मियों के रक्षा सूत्र बांधकर उनकी सुरक्षा की कामना की गई। महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनिता शर्मा की अगुआई में इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों को सेनिटाइजर व मास्क भी भेंट किए। कार्यक्रम में भंवरी खोखर, संतोष खंडेलवाल, राज शर्मा, सुशीला शर्मा, सरिता बुरडक, कंचन अग्रवाल, सरोज कलावटिया सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रही।
तस्वीर तीन: रक्षा सूत्र बांधकर दिया रक्षा करने का वचन
रक्षा बंधन पर जहां बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती है, वहीं शहर में मनसुख रणवां स्मृति संस्थान की सचिव अभिलाषा रणवां व प्रेम लता ने पेड़ों के रक्षा सूत्र बांधकर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया है। रविवार को दोनों ने घर में लगे पेड़ों के प्रेम का धागा बांधकर रक्षा का वचन दिया। गौरतलब है कि संस्थान ने इस साल प्रदेश में 50 हजार पौधे लगाने का संकल्प ले रखा है। जिनमें से 20 हजार से ज्यादा पौधे लगाए भी जा चुके हैं।
तस्वीर चार: हर साल लगाते है पौधे
अखिल भारतीय महिला परिषद की स्थानीय शाखा की अनूठी पहल इस साल भी जारी रही। अध्यक्ष डॉ. दीपिका चौधरी ने पौधों को गोद लेकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया। सचिव पूजा चौधरी ने बताया कि रविवार को 21 पौधे लगाए गए। सोमवार को रक्षाबंधन के मौके पर 500 से अधिक पौधे जिलेभर में लगाए जाएगे। इस मौके पर भगवंती थावनी ,सोनिया चौधरी आदि मौजूद रही।
आज विशेष संयोग
रक्षाबंधन पर राखी आज सुबह 9: 30 बजे बाद बांधी जा सकेगी। इससे पहले भद्रा होने पर राखी नहीं बांधी जाएगी। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि रक्षाबंधन पर 558 साल बाद पहली बार सावन महीने की पूर्णिमा पर गुरु और शनि अपनी राशि में वक्री रहेंगे। जिसमें रक्षा सूत्र बांधने के साथ गुरू पूजन का भी विशेष महत्व रहेगा। साथ ही सावन का सोमवार व पूर्णिमा एक साथ होना भी आनंददायक खास योग बना रहा है।
मंदा रहा बाजार
कोराना काल की राखी का असर बाजार में भी दिखा। बाहरी वस्तुओं से परहेज की सोच से राखी का व्यापार पिछले सालों के मुकाबले मंदा रहा। वहीं, मिठाइयों की दुकानों पर भी पहले जैसी भीड़ नजर नहीं आई। व्यापारियों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस बाद आधा व्यापार भी नहीं हुआ।
ऑनलाइन ही मनेगा त्यौहार, इस बार नहीं जा रही मायके
रक्षा बंधन पर हर बार भाइयों को राखी बांधने अपनी पीहर खेतड़ी जाती हूं। लेकिन, कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच वहां नहीं जाने में ही हम भाई- बहनों व पूरे परिवार की सुरक्षा है। इसलिए वहां नहीं जाने का फैसला करते हुए फोन कर भाइयों को मोली की राखी बांधने के लिए कह दिया है।
आशा पंवार, सीकर
रक्षा सूत्र भाई की रक्षा के लिए बांधा जाता है। भाइयों की सुरक्षा अभी सोशल डिस्टेंसिंग में ही है। ऐसे में पीहर डूंगरगढ़ नहीं जा रही हूं।
सुनीता वर्मा, सीकर