सीकरPublished: Oct 08, 2019 05:36:07 pm
Vinod Chauhan
सालों से रामायण के पात्रों को कर रहे जीवित
राम कराते अध्ययन तो रावण करते हलवाई का काम
अर्जुन राम मूंडोतिया. सुरेरा. निकटवर्ती ग्राम घाटवा के रामलीला मैदान के सांस्कृतिक जागरण मंच पर चल रही रामलीला परवान पर है। यहां पर शारदीय नवरात्र में घट स्थापना की जाती है। सांस्कृतिक जागरण मंच के संरक्षक सुरेश कटारिया ने बताया कि मंच की स्थापना 1985 में हुई। तभी से रामलीला हो रही है। इस बार रामलीला मैदान में षष्टम दुर्गा पूजा व 34 वां विजयादशमी महोत्सव मनाया जा रहा है जिसमें आठ दिवस की रामलीला परवान पर है। उन्होंने बताया कि विजयादशमी के दिन 35 फीट रावण का दहन होगा तथा रात्रि आठ बजे भगवान राम का राजतिलक होगा। श्रीराम के अयोध्या पधारने की खुशी में आतिशबाजी की जाएंगी। रामलीला के सभी कलाकार घाटवा गांव के ही है। ऐसे पात्र भी हैं जो 1985 से जुड़े हैं। कई ऐसे पात्र हैं जो दिन में अध्ययन, वकालत, हलवाई आदि का कार्य करते हैं।
दिन में करते वकालत, रात में रामलीला
वकील साहब बताते हैं कि सुबह उठकर दैनिक कार्य निपटाने के बाद सीकर कचहरी जाते हैं। रात को रामलीला पाठ करते हैं। वकील जी रामलीला में सांस्कृतिक जागरण मंच की स्थापना से ही जुड़े हुये हैं। इसके अलावा रामलीला में अभिनय भी करते नजर आते हैं। वे लम्बे समय से साधु रावण व ऋषि मुनियों का अभिनय करते आ रहे हैं।
दिन में पढ़ाते
मंच के संरक्षक व हास्य कलाकार सुरेश कटारिया रामलीला में नकलची का किरदार करते हैं। कटारिया निजी स्कूल के सचिव हैं। वे 33 साल से अभिनय कर रहे हैं। वे रामलीला में कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। इस बार वे परशुराम की भूमिका में दिखे।
उन्होंने कृष्ण सुदामा की झांकी में दर्शकों के सामने सुदामा के स्वरूप की छाप छोड़ी।
रावण का जोरदार किरदार
रावण का किरदार निभाने वाले मदन लाल शर्मा को लोग प्यार से मदन दादा के नाम से पुकारते हैं। वे कहने को तो निरक्षर है, लेकिन उन्हें रामायण की चौपाइयां कंठस्थ है। अंगद रावण की जोड़ी बहुत पुरानी है। कहते हैं दशहरे के दिन उनके दौर में रामलीला मैदान में हजारों की भीड़ होती है। अंगद- रावण संवाद, रावण- कुंभकर्ण संवाद, राम- रावण संवाद व राम- रावण युद्ध के समय रामलीला मैदान में पैर रखने की जगह नहीं होती।
राम-लक्ष्मण की नई जोड़ी
इस बार श्रीराम का किरदार सुरेन्द्र सिंह शेखावत निभा रहे हैं। वे निजी स्कूल में जनरल साइंस पढ़ाते हैं। सीता का अभिनय कौशल शर्मा, जबकि लक्ष्मण व कैकेयी का अभिनय रवीन्द्र, रंगमंच जयपुर में अभिनय कर रहें मनीष पारीक करेंगे। इससे पहले राम का अभिनय दयाल सिंह, अर्जुन जांगिड़ तथा सीता का अभिनय नरेन्द्र सैन, लक्ष्मण व कैकेयी का अभिनय मुकेश सैन, मुरारी जांगिड़ कर चुके हैं।
सेवा में आगे हनुमान
सुगन गुर्जर हनुमानजी का जीवंत अभिनय करते हैं। वे हनुमान भक्त की तरह समाज में समाजसेवी का कार्य करते हैं। ये पिछले 10 सालों से हनुमानजी का अभिनय कर रहे हैं। इससे पहले पं. दिलीप शर्मा, पं. टीकमचंद शर्मा, राजेन्द्र शर्मा हनुमानजी का अभिनय कर चुके हैं।
धार्मिक कार्य करते हैं
15 सालों से सुग्रीव का अभिनय करने वाले भंवर सिंह बडग़ुर्जर सरकारी अध्यापक होने के साथ ही धार्मिक कार्यों में लगे रहते हैं। वे माधोगढ़ डूंगर पर स्थित श्री घाटवेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करवाते हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहते हैं। तीस सालों से अंगद का अभिनय पं. औमप्रकाश शर्मा निभा रहे हैं। उनका अंगद- रावण संवाद रोचक होता है।
सीकर डाकघर में इंस्पेक्टर की ड्यूटी करनेवाले राजेन्द्र सैनी मेघनाथ का किरदार निभा रहे हैं। दशहरे के दिन लक्ष्मण- मेघनाद संवाद रोचक होता है। कुंभकर्ण का अभिनय मुकेश भार्गव कर रहें है, जो इन दिनों दिन में रंग रोगन का कार्य करते हैं। उनका शरीर इतना भारी व ताकतवर है कि वो रंग रोगन का कार्य करते समय सीढ़ी को एक हाथ से उठा कर सही जगह पर रख देते हैं।