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सीकर

रमजान 2018 विशेष : यहां एक ही छत के नीचे हैं मंदिर-दरगाह, साथ-साथ होती पूजा-इबादत

वर्ष 2018 के पाक माह रमजान में आइए आपको बताते हैं एक ऐसी जगह जो साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल है। यहां हिन्दू-मस्लिम एक साथ अपने-अपने धर्म को मानते है

सीकरMay 25, 2018 / 04:14 pm

vishwanath saini

mandir masjid

रमजान 2018 विशेष : यहां एक ही छत के नीचे हैं मंदिर-दरगाह, साथ-साथ होती पूजा-इबादत

सीकर.

वर्ष 2018 के पाक माह रमजान में आइए आपको बताते हैं एक ऐसी जगह जो साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल है। यहां हिन्दू-मस्लिम एक साथ अपने-अपने धर्म को मानते हैं। पूजा और इबादत करते हैं। ये विशेष इसलिए है क्योंकि हिन्दुओं का मंदिर और मुस्लिमों की आस्था का प्रतीक दरगाह एक साथ है। वो भी एक ही छत के नीचे। देश में कई दफा असहिष्णता का दौर आया, मगर यहां हमेशा ही हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का पैगाम ही मिला। ये जगह है राजस्थान के चूरू जिला मुख्यालय के वार्ड 28 में।

Ramzan 2018 : Temple Dargah under the Same roof in churu

चूरू के मंदिर दरगाह का इतिहास

-चूरू के वार्ड 28 में एक ही परिसर में बाबा महीपीर की दरगाह और बाबा अड़मानाथ का मंदिर है।
-मंदिर दरगाह में दोनों धर्मों के लोग आस्था रखते हैं। इनमें पूजा-अर्चना और इबादत भी एक साथ ही होती है।
-यहां का सालाना कार्यक्रम भी धार्मिक सौहार्द की मिसाल पेश करते है। एक तरफ कव्वाल पीर की महिमा का बखान करते हैं तो दूसरी और जागरण में भजन प्रस्तुत किए जाते हैं।
– पीर की दरगाह पर मन्नत मांगने वाले भी समय-समय पर गुरुवार को यहां कव्वाली के आयोजन करवाते हैं।
-चूरू के केशरदेव आर्य व उनकी पत्नी लक्ष्मीदेवी दरगाह व मंदिर की देखरेख करते हैं।
-दरगाह (मजार) की स्थापना 15 वर्ष पहले 14 दिसंबर 2001 को की गई थी।

Ramzan 2018 : Temple Dargah under the Same roof in churu
-आर्य ने बताया कि मही पीर बाबा दिल्ली के निजामुद्दीन ओलिया के शिष्य थे।
सैकड़ों वर्ष पहले इनके पूर्वज दिल्ली से झुंझुनूं जिले के दुड़ाना गांव में आकर बस गए थे।
-वहां मही पीर की मजार स्थापित की जो आज भी मौजूद है।
-दुड़ाना गांव में अड़मा नाथ ? भी रहते थे। उनके परिवार की दोनों में आस्था थी।
-बाद में वर्ष 2001 में चूरू में मही पीर की मजार स्थापित की गई। साथ में बाबा का छोटा मंदिर भी बनाया गया।
-तब से आज तक ये शहरवासियों की आस्था का केंद्र है।वहां मही पीर की मजार स्थापित की जो आज भी मौजूद है।
Ramzan 2018 : Temple Dargah under the Same roof in churu
Ramzan 2018 : Temple Dargah under the Same roof in churu
श्रीमाधोपुर के ये दम्पती पेश कर रहे मिसाल

सबका मालिक एक है। ईश्वर और अल्लाह में भी कोई फर्क नहीं है। दोनों में ही हम सबकी अटूट आस्था है। इंसान को बस इनका स्मरण जरूर करना चाहिए। भले ही वह किसी भी धर्म का हो। किसी भी रूप में हो। शायद ऐसी ही सोच श्रीमाधोपुर की इस दम्पती की है, जो न केवल भगवान की पूजा अर्चना करता है बल्कि कुरान की आयतें भी पढ़ता है। श्रीमाधोपुर कस्बे के वार्ड 21 स्थित रेगर मोहल्ले में स्थित तीज महल में करीब 26 साल से एक परिवार में कुरान भी पढ़ी जाती है तो गीता व रामाचरित्र मानस के पाठ भी होते हैं।

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