झुंझुनूं में राणी सती दादी की रविवार को होने वाली वार्षिक पूजा के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। श्री राणी सती मंदिर की वार्षिक पूजा के तहत 10 दिनों तक प्रतिदिन अलग-अगल थीम पर मंदिर की सजावट की है। इसी थीम के तहत गुरुवार को श्री राणी सती मंदिर की ओर से मुख्य द्वार से प्रधान मंड तक 80 फीट की नारियल के जूट से गुफा बनाई गई। गुफा मकड़ी के जाले, पक्षीरूपी खिलौने, झरने की की आवाज की थीम पर बनी और इसे श्रद्धालुओं ने रोमांचित किया।
मंत्री रमेश पाटोदिया ने बताया कि वार्षिक पूजा के दौरान 10 दिनों तक अलग-अगल थीम पर मंदिर की सजावट की जाती है। जिसके तहत गुरुवार की थीम जंगल थी। इसके तहत मुख्य द्वार से प्रधान मंड तक नारियल के जूट से 80 फीट तक की गुफा बनाई गई। गुफा में जंगल का अनुभव हो इसके लिए मकड़ी के जाले, पक्षियों के खिलौने आदि लगाए गए। उन्होंने बताया कि रविवार को होने वाली वार्षिक पूजा तडक़े तीन बजे होगी।
छह लाख श्रद्धालु आएंगे
मंदिर में वार्षिक पूजा में दर्शन के लिए करीब छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है। मंदिर परिसर में स्थित सभी कमरों की बुकिंग हो चुकी है। वहीं, शहर के लगभग सभी होटल भी बुक हो चुके हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टैंट आदि लगाकर रहने की व्यवस्था की गई है। मंदिर में वार्षिक पूजा के तहत प्रतिदिन रात को आठ से भजनों का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। वहीं मंदिर परिसर को रोशनी से सजाया गया है।
राणी सती मंदिर का इतिहास
कहा जाता है कि राणी सतीजी, स्त्री शक्ति की प्रतीक और मां दुर्गा का अवतार थीं। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मार कर बदला लिया और फिर अपनी सती होने की इच्छा पूरी की। रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। वैसे अब मंदिर का प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा है- हम सती प्रथा का विरोध करते हैं।
संगमरमर से निर्मित राणी सती का मंदिर करीब चार सौ साल पुराना है। रानी सती मंदिर के परिसर में कई और मंदिर हैं, जो शिवजी, गणेशजी, माता सीता और रामजी के परम भक्त हनुमान को समर्पित हैं। मंदिर परिसर में षोडश माता का सुंदर मंदिर है, जिसमें 16 देवियों की मूर्तियां लगी हैं। परिसर में सुंदर लक्ष्मीनारायण मंदिर भी बना है।