सीकर

घर में मौत के बाद परीक्षा नहीं देना चाहता था, मां सिलाई कर मुझे पढ़ा रही है, ये सोचकर बेटे का मन बदला, 10वीं में हासिल किए 97 फीसदी अंक

अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती। इसको सच साबित कर दिखाया सीकर के निरंजन ने।

सीकरJun 12, 2018 / 11:52 am

Vinod Chauhan

घर में मौत के बाद परीक्षा नहीं देना चाहता था, मां सिलाई कर मुझे पढ़ा रही है, ये सोचकर बेटे का मन बदला, 10वीं में हासिल किए 97 फीसदी अंक

सीकर.

अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती। इसको सच साबित कर दिखाया सीकर के निरंजन ने। सोमवार को घोषित दसवीं के परिणाम में ब्राइट स्कूल के छात्र निरंजन ने 97.50 प्रतिशत अंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। बकौल निरंजन ने कहा कि पढ़ाई के दौरान नींद आने के डर से हर समय मन घबराया रहता था। नींद के डर से तैयारी के लिए रात को रसोई में सोता था। जिससे सब्जी व मसालों की महक के कारण नींद नहीं आती और सारी रात तैयारी में जुटा रहता था।


एक बार तो परीक्षा नहीं देने का किया मन
निरंजन ने बताया कि परीक्षा से महज 15 दिन पहले ही परिवार में बड़ी बहन के दो जुड़वा बच्चों की मौत हो गई। घर पर सब का मन उदास रहता था। कई बार मन में आया कि इस बार परीक्षा ही नहीं दूं, लेकिन स्कूल के अध्यापकों व परिवार के प्रोत्साहन के बीच परीक्षा की तैयारी कर लक्ष्य तक पहुंचने का निर्णय किया। निरंजन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। निरंजन की मां ने सिलाई कर बेटे का पढ़ाया है। निरंजन के पिता श्रवण कुमार जांगिड़ पिछले एक वर्ष से विदेश में फर्नीचर का काम करते है।

 

बेटी ने रोशन किया पिता का नाम

सीकर. बेटी ने पिता का नाम रोशन किया तो पिता की आंखों में भी खुशी के आंसू झलक पड़े। राधाकिशनपुरा स्थित नवज्योति कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा अमिषा सैनी ने 97.17 अंक प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया है। अमिषा का कहना है कि नियमित अध्ययन किया जाए तो लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नहीं है। नौवीं कक्षा में ही अमिषा ने अपना लक्ष्य अग्रिम पंक्ति में स्थान बनाने का बना लिया था। इसी दम पर उसने तैयारी शुरू की। नौवीं में दसवीं की तैयारी की तो हर कोई उसकी चर्चा करता था, लेकिन सोमवार को परीक्षा परिणाम ने सब की बोलती ही बंद कर दी। अमिषा ने इंजीनियर बनने का लक्ष्य लेकर 11वीं कक्षा में साइंस मैथ्स विषय लिया हैं। अमिषा के पिता रामरतन सैनी ने परिक्षा परिणाम देखा तो विश्वास नहीं हुआ। बाद में स्कूल से सूचना मिली तो परिवार में खुशी छा गई।

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