प्रदेश के रीट प्रथम लेवल चयनितों की नौकरी की राह खुल चुकी है। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई। न्यायालय ने रीट प्रथम लेवल की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी है। इसके तत्काल बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने नियुक्ति देने के आदेश जारी कर दिए। ऐसे में नियुक्ति से वंचित रहे लगभग 20 हजार चयनित शिक्षकों को सोमवार शाम तक नियुक्ति मिलना तय है। 13 फरवरी को रीट प्रथम लेवल के चयनितों की नियुक्ति पर न्यायालय पर रोक लगा दी थी। इस पर सोमवार हाईकोर्ट में अपील पर जस्टिस संगीत लोढ़ा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने अपना पक्ष रखा। सरकार की ओर से अंतरिम रोक को हटाने के लिए पैरवी की गई। अब प्रदेश के 20 हजार शिक्षकों को नौकरी का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही चयनित शिक्षकों का नौ महीने का इंतजार भी आज खुशियों में बदल गया। गौरतलब है कि पिछली भाजपा सरकार ने रीट प्रथम में 26 हजार पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। परिणाम व जिला आवंटन सहित अन्य प्रक्रिया भाजपा राज में ही पूरी हो गई थी। लेकिन मामला न्यायालय और आचार संहिता के फेर में उलझने के कारण चयनितों को नौकरी नहीं मिल सकी। अब नौकरी की राह खुलने से बेरोजगारों के चेहरे खुशी से खिल उठे। इस भर्ती प्रक्रिया में शेखावाटी के आठ हजार अभ्यर्थी है।
नौ महीने से न्यायालय में उलझी
रीट प्रथम लेवल की भर्ती पिछले नौ महीने में न्यायालय में उलझी हुई थी। इस कारण बेरोजगारों का नौकरी की आस दूर होती नजर आ रही है। पहले सिंगल बैंच में मामले की सुनवाई हुई। यहां फैसला चयनितों के पक्ष में आ गया लेकिन तब तक प्रदेश में आचार संहिता लग गई। इसके बाद मामले की डबल बैच में सुनवाई हुई। आठ फरवरी को डबल बैच ने सुरक्षित रखे फैसले को सुना दिया। अब हाईकोर्ट ने रोक हटा दी है।