गौरतलब है कि राजस्थान सहित पूरे देश में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने पीएआर का फॉर्म भरवाया था। उसके खिलाफ राजस्थान प्रदेश निजी कॉलेज संघ ने कोर्ट का सहारा लिया। जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्ट ने पीएआर को भरने का निर्देश दिया। उसके बाद राजस्थान प्रदेश निजी कॉलेज संघ सहित अन्य राज्यों के निजी कॉलेज संगठन देश के सर्वोच्च न्यायालय में चले गए। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने भी पीएआर को भरने का आदेश एक अप्रैल 2022 को दे दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने एक आदेश पारित कर यह सूचना डाली कि जिन कॉलेजों ने पीएआर नहीं भरा उन्हें सत्र 2022 -23 में पीटीईटी के माध्यम से छात्र आवंटित नहीं किए जाएंगे। इस बात से महाविद्यालय संचालक व विद्यार्थी पिछले कई महीनों से असमंजस की स्थिति में थे। लेकिन अब जिन कॉलेजों ने पीएआर नहीं भरा था, उन्हें भी किसी प्रकार का दंड नहींमिलेगा। जीरो सेशन खत्म होने से अब किसी भी कॉलेज को नुकसान नहीं होगा।