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अपनो को बचाने के लिए निकाली गली , अस्पताल प्रबंधन ने निकाला फरमान

locationसीकरPublished: Jun 12, 2019 10:02:51 pm

Submitted by:

Puran

बिना चिकित्सक के हस्ताक्षर मरीज को नहीं चढाया जाएगा खूनएसके अस्पताल में गलत खून चढ़ाने के बाद प्रशासन ने दिए आदेश

sikar

अपनो को बचाने के लिए निकाली , अस्पताल प्रबंधन ने निकाला फरमान

सीकर. मरीज को खून चढ़ाने में हुई बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद प्रशासन ने अब बचने का नया रास्ता चुना है। नर्सिंग स्टॉफ पर किसी तरह की गाज नहीं गिरे इसके लिए बिना चिकित्सक के हस्ताक्षर करवाए बिना भर्ती किसी भी मरीज को खून नहीं चढ़ाने के निर्देश दिए हैं। निर्देशों के अनुसार वार्डों में ब्लड बैंक से दिए जाने वाले खून को ओपीडी के समय में चढ़ाया जाए। इसके अलावा मरीज को ब्लड चढ़ाने से पहले इंडोर पर्ची के सीआर नम्बर, ब्लड बैंक से खून जारी होने वाली पर्ची को मिलाए जाए। आपातकालीन परिस्थिति में ट्रोमा में मौजूद चिकित्सक की ओर से इंडोर पर्ची पर हस्ताक्षर करवाए जाए। गौरतलब है कि पिछले दिनो अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती एक मरीज को गलत ग्रुप का खून चढ़ा दिया जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ गई और मरीज को जयपुर रेफर करना पड़ा।

अब तक मनमर्जी से चढ़ा रहे थे खून
अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के कारण नर्सिंग स्टॉफ मरीजों को खून चढ़ा रहे थे। नर्सिंग स्टॉफ का तर्क है कि चिकित्सक सुबह के समय ब्लड चढ़ाने का कह देते हैं। इसके बाद जरूरत के अनुसार मरीज के परिजनों से ब्लड मंगवाकर खून चढ़ा दिया जाता है। लेकिन हाल में उजागर हुई लापरवाही के बाद अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग स्टॉफ को दूसरे वार्ड में शिफ् जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को ओपीडी के समय खून चढ़ाने के आदेश से मरीजों को फायदा होगा। जबकि नियमानुसार चिकित्सक की मौजूदगी के खून चढ़ाना नर्सिंग स्टॉफ के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
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