04 ब्लॉक में स्थिति खराब
प्रीमानसून 2017 के दौरान लिए गए आंकड़ों के अनुसार श्रीमाधोपुर, पिपराली, दांतारामगढ़, धोद ब्लॉक में सबसे ज्यादा भूजल स्तर में गिरावट आई है। प्री-मानसून 2011 में श्रीमाधोपुर ब्लॉक का औसत भूजल स्तर 41.30 मीटर था। जो प्री-मानसून 2017 में 11.88 मीटर गिर गया। पिपराली के औसत भूजल स्तर में 9.70 मीटर, दांतारामगढ़ ब्लॉक में 9.54 मीटर, धोद में 8.33 मीटर, नीमकाथाना में 7.20 मीटर, पाटन ब्लॉक में 6.64 मीटर, खंडेला ब्लॉक में 6.95 मीटर, लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में 5.33 मीटर तक गिर गया।
योजनाएं बनाई, नतीजा सिफर
पानी की कमी न रहे, इसके लिए बारिश के पानी का संरक्षण व संग्रहण के लिए सरकार की ओर से लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मकानों व सार्वजनिक जगहों से लेकर जोहड़, तालाब व कुआं जैसे प्राकृतिक स्रोत के जरिए बरसात का पानी संग्रहण को लेकर सरकारी स्तर पर भी कई योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी व सरकारी एजेंसियों की लापरवाह कार्यशैली की वजह से कई योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। निजी व सरकारी स्कूलों में भी वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को विकसित करने की योजना है, लेकिन जागरूकता की कमी के साथ ऐसी योजना की मंजूरी के लिए सरकारी प्रक्रिया का जटिल होना इसकी सफलता में रोड़े अटका रहे हैं।
पानी की कमी न रहे, इसके लिए बारिश के पानी का संरक्षण व संग्रहण के लिए सरकार की ओर से लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मकानों व सार्वजनिक जगहों से लेकर जोहड़, तालाब व कुआं जैसे प्राकृतिक स्रोत के जरिए बरसात का पानी संग्रहण को लेकर सरकारी स्तर पर भी कई योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी व सरकारी एजेंसियों की लापरवाह कार्यशैली की वजह से कई योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। निजी व सरकारी स्कूलों में भी वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को विकसित करने की योजना है, लेकिन जागरूकता की कमी के साथ ऐसी योजना की मंजूरी के लिए सरकारी प्रक्रिया का जटिल होना इसकी सफलता में रोड़े अटका रहे हैं।