बीमारी घर-घर ‘वायरल’
बदलते मौसम के कारण जिले में वायरल जनित बीमारियां बढ़ती जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की कतार नजर आने लगी है। सुबह आठ बजे ही ग्रामीण अंचल के मरीज पहुंचने शुरू हो जाते हैं। चिकित्सकों की माने तो वायरस का स्वरूप मौसम के अनुसार बदल रहा है। ऐसे में जांच के दौरान वायरस की पुष्टि नहीं हो पाती है। यही कारण है कि जांच लैब में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एसके अस्पताल के आउटडोर में रोजाना औसतन डेढ़ सौ से ज्यादा बीमार अस्पताल में रोजाना उल्टी दस्त के मरीज आ रहे हैं। कमोबेश यही स्थिति सरकारी जनाना अस्पताल की है।
तापमान का अंतर है कारण
फिजिशियन डा. रघुनाथ चौधरी ने बताया कि वायरस का स्वरूप मौसम पर निर्भर करता है। एक बार किसी वायरस की चपेट में आने पर लक्षणों के आधार पर ट्रीटमेंट किया जाता है। वो वायरस दुबारा प्रभावित नहीं करता है, लेकिन बच्चों के शरीर की प्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो जाती है, और मौसम बदलने के साथ दूसरा वायरस सक्रिय हो जाता है। यही कारण है कि इन दिनों एक एक बीमारी ठीक होने के बावजूद हफ्तों तक दूसरी बीमारी का असर रहता है।