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बैचेनी! अब फोर्टी प्लस

locationसीकरPublished: Apr 12, 2021 06:17:56 pm

Submitted by:

Gaurav

Restless 40 plus…पारा 40… चालीस पार पारा लोगों में बैचेनी सी पैदा कर देता है। गर्मी बढऩे के साथ लोग अब एसी-कूलर की सार संभाल करने लग चुके हैं।

बैचेनी! अब फोर्टी प्लस

बैचेनी! अब फोर्टी प्लस

Restless 40 plus…
-फतेहपुर में न्यूनतम तापमान में आया उछाल
-अधिकतम तापमान करीब 40 डिग्री पहुंचा
सीकर. उम्र के चालीस पार होने पर लोगों को स्वास्थ्य को लेकर चिंता सताने लगती है। यही हाल लगभग पारे को लेकर भी है। चालीस पार पारा लोगों में बैचेनी सी पैदा कर देता है। गर्मी बढऩे के साथ लोग अब एसी-कूलर की सार संभाल करने लग रहे हैं।
शेखावाटी अंचल में पिछले दो दिन से चक्रवाती हवाएं मौसम का मिजाज बदल रही है। अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में करीब उछाल आया। इधर मौसम विभाग के अनुसार शेखावाटी में 14 अप्रेल से मौसम का मिजाज बदलेगा इस दौरान आंधी और मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। फिलहाल तापमान में बढ़ोतरी होगी। सीकर में सोमवार सुबह से धूप के तेवर तल्ख रहे। तेज धूप के कारण दोपहर में तेज गर्मी से चिपचिपाहट तो नहीं हुई लेकिन पसीना सूख भी नहीं पाया। तेज धूप ने लोगों को गर्मी का अहसास कराया। कई जगह पंखे चलने लगे। दोपहर बाद आंशिक बादल छाए। शाम को हवाएं थमने के बाद सर्दी बढ़ी लेकिन मौसम खुशनुमा रहा। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा।

बीमारी घर-घर ‘वायरल’
बदलते मौसम के कारण जिले में वायरल जनित बीमारियां बढ़ती जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की कतार नजर आने लगी है। सुबह आठ बजे ही ग्रामीण अंचल के मरीज पहुंचने शुरू हो जाते हैं। चिकित्सकों की माने तो वायरस का स्वरूप मौसम के अनुसार बदल रहा है। ऐसे में जांच के दौरान वायरस की पुष्टि नहीं हो पाती है। यही कारण है कि जांच लैब में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एसके अस्पताल के आउटडोर में रोजाना औसतन डेढ़ सौ से ज्यादा बीमार अस्पताल में रोजाना उल्टी दस्त के मरीज आ रहे हैं। कमोबेश यही स्थिति सरकारी जनाना अस्पताल की है।

तापमान का अंतर है कारण
फिजिशियन डा. रघुनाथ चौधरी ने बताया कि वायरस का स्वरूप मौसम पर निर्भर करता है। एक बार किसी वायरस की चपेट में आने पर लक्षणों के आधार पर ट्रीटमेंट किया जाता है। वो वायरस दुबारा प्रभावित नहीं करता है, लेकिन बच्चों के शरीर की प्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो जाती है, और मौसम बदलने के साथ दूसरा वायरस सक्रिय हो जाता है। यही कारण है कि इन दिनों एक एक बीमारी ठीक होने के बावजूद हफ्तों तक दूसरी बीमारी का असर रहता है।
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