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खाटूश्यामजी हादसे ने पकड़ा राजनीतिक तूल: कांग्रेस में मतभेद तो माकपा व भाजपा के बाद आरएलपी ने भी खोला मोर्चा

खाटूश्यामजी में एकादशी पर भगदड़ में तीन मौत का मामला राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है।

सीकरAug 12, 2022 / 12:55 pm

Sachin

सीकर. खाटूश्यामजी में एकादशी पर भगदड़ में तीन मौत का मामला राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार के विधायक और मंत्री जहां मामले में अलग- अलग रुख अपनाये हुए हैं, वहीं अब राष्ट्रीय लोकतंात्रिक पाटी व तेजा सेना ने राज्य सरकार व मंदिर कमेटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को सीकर पहुंची प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत का सर्किट हाउस में घेराव कर लिया। धरने पर बैठकर नारे लगाते हुए श्याम मंदिर कमेटी को बर्खास्त करने के साथ कमेटी के समर्थन में उतरे सरकार के मंत्री प्रतापसिह खाचरियावास व राजेन्द्र गुढा के खिलाफ जमकर नारे लगाए। आरएलपी जिलाध्यक्ष महेन्द्र डोरवाल ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री मामले में जांच की बात कह रहे हैं दूसरी और उनके ही मंत्री मंदिर कमेटी को क्लीन चिट देकर विरोधाभास पैदा कर रहे हैं। कहा कि मंदिर कमेटी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। कमेटी को बर्खास्त कर खाटूश्यामजी मंदिर को देवस्थान बोर्ड के अधीन किया जाना चाहिए। काफी देर चले प्रदर्शन के बाद प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने मामले की जांच में दोषी पाए जाने पर मंदिर कमेटी को बर्खास्त करते हुए उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया।

 

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एकादशी पर हुआ था हादसा, कांग्रेस विधायकों में मतभेद
गौरतलब है कि आठ अगस्त को एकादशी पर खाटूश्यामजी में सुबह मंदिर के पट खुलते ही भगदड़ मच गई थी। जिसमें तीन महिलाओं की मौत व चार जने घायल हो गए थे। घटना को लेकर कांग्रेस विधायकों में ही मतभेद सामने आए थे। दांतारामगढ़ विधायक चौधरी विरेन्द्र सिंह ने जहां घटना में मंदिर कमेटी को दोषी मानते हुए खाटूश्यामजी में विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं, उन्हीं की सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास व राजेन्द्र गुढा मंदिर कमेटी का पक्ष लेकर चौधरी विरेन्द्र सिंह के प्रदर्शन को गलत ठहरा चुके हैं।

भाजपा सांसद ने भी उठाए थे सवाल, माकपा भी कर चुकी है प्रदर्शन
इधर, घटना में भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व चौधरी विरेन्द्र सिंह को निशाने पर ले चुके हैं। घटना के बाद खाटूश्यामजी पहुंचे सांसद ने कहा था कि उस मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की क्या उम्मीद की जा सकती है जिसके विधायक ही मंदिर कमेटी का ताला तोड़कर खाटूश्यामजी में अव्यवस्था फैलाते हैं। इधर, घटना के विरोध में माकपा भी मंदिर कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन कर चुकी है।

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