चोरी की वारदात के बाद दो-तीन घर नहीं आया जांच में सामने आया कि घटना के दिन रघुवीर सिंह नशे में था। उसने नशे में ही कई दुकानों के ताले तोड़ डाले। दो दुकानों में चोरी कर डाली। वारदात के बाद वह दो-तीन दिनों तक घर नहीं आया। वह आसपास ही छिपता रहा। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसकी पहचान कर डाली। पुलिस टीम को पता लगा कि वह एक दिन पहले ही घर पर आया। इसके बाद पुलिस ने उसे घर से ही दबोच लिया। पूछताछ के बाद उसके घर से ही जेवर बरामद हुए।
पिता की मौत के बाद मिली थी सिपाही को अनुकंपा नियुक्ति रघुवीर सिंह के पिता की सांवली रोड पर हादसे में मौत हो गई थी। तब रघुवीर नाबालिग था। बालिग होने के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति दी गई। पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला ने उसे दो महीने पहले ही नौकरी से बर्खास्त किया था। उसे 107/116 में पाबंद किया गया था। कोतवाली थाने में उस पर मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। उस पर अपराधियों से मिलीभगत के आरोप भी लगे थे। साथ ही कई बार 17 सीसी के नोटिस भी मिल चुके है। उसका खंडेला में ट्रांसफर कर दिया था। वहां भी मिलीभगत के आरोप लगे। तब खंडेला थानाधिकारी की रिपोर्ट पर नोटिस दिए गए। बाद में लाइन भेज दिया गया। कंट्रोल रूम में लगाया। यहां पर गैरहाजिर रहता था। उसे बर्खास्त कर दिया।