मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप ( Hiranandani Group ) की ‘हेजलनट कंस्ट्रक्शन’ ( Hazelnut Constructions ) कंपनी की करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खेल उजागर होने के बाद नीमकाथाना की पहाडिय़ों के बीच दीपावास गांव की ढाणी में रहने वाली इस महिला के घर पत्रिका टीम पहुंची तो बेनामी संपत्ति खरीदने के इस खेल का खुलासा हुआ। हालांकि संजूदेवी के नाम से जयपुर-दिल्ली हाइवे ( Jaipur-Delhi Highway ) पर छह गांवों में खरीदी गई 64 बेनामी संपत्तियों को आयकर विभाग ( income tax Department ) की बेनामी निषेध यूनिट ने बेनामी संपत्ति अधिनियम ( benami property (Prohibition) Act ) , 1988 के प्रावधानों के तहत प्रोविजनल रूप से अटैच कर दिया है। इन जमीनों का बाजार मूल्य करीब 100 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।
अपने फायदे के लिए निरक्षर से लगवाया अंगूठा
बेनामी निषेध यूनिट की जांच में यह सामने आया कि संजू देवी के नाम जयपुर-दिल्ली हाइवे पर आमेर तहसील के कूकस, खोरामीणा, हरवर, ढन्ड, नांगल तुर्कान और राजपुर खान्या गांवों में स्थित ये जमीनें संजू देवी के नाम वर्ष 2006 में खरीदी गई थी। जांच में पता चला कि कुल 36 हेक्टेयर जमीन 64 अलग अलग विक्रय पत्रों के माध्यम से संजु देवी मीणा के नाम खरीदी, लेकिन इनके लिए कुल 12.93 करोड़ रुपए का भुगतान मुंबई की एक बड़ी कंपनी ‘हेजलनट कंस्ट्रक्शन’ ने किया था। इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से ये जमीनें अपने फायदे के लिए खरीदीं और इसमें संजू देवी मीणा का केवल नाम उपयोग में लिया गया। संजू देवी मीणा के नाम से जमीनों के विक्रय पत्र पंजीकृत करवाने से पहले मुंबई निवासी एक व्यक्ति चंद्रकांत तारानाथ मालवंकर के नाम एक पावर ऑफ अटॉर्नी संजू देवी मीणा से ले ली गई थी।
यह कंपनी मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप से संबंधित है। संजू देवी से जब इस बारे में बात की गई तो उसका कहना है कि वह तो निरक्षर है। उसके तो कागजों पर अंगुठे लगावाए गए थे।
जमीन मेरी है तो पैसा दिलवा दो: संजू देवी को जब सौ करोड़ की जमीन की मालिक होने के बारे में बताया गया तो उसका कहना था कि वह तो भैंस का दूध बेचकर और खेती से अपने बच्चों का पालन कर रही है। इतनी कीमती जमीन उसके नाम है तो उसे भी कुछ पैसा मिलना चाहिए, जिससे बच्चों का पालन किया जा सके। संजू देवी के दो बेटियां और एक बेटा है।
तीन माह पहले बुलाया था आयकर की टीम ने ( Income Tax Team in Neem Ka Thana )
संजू देवी को तीन माह पहले आयकर विभाग की टीम ने नीमकाथाना भी बुलाया था। उससे जमीन के खरीद के संबंध में पूछताछ की गई। बकौल संजू देवी उसे जो पता था वह सबकुछ बता दिया। इसके बाद उसे किसी ने कुछ नहीं बताया। अब तक 1400 करोड़ की प्रॉपर्टी की अटैच: बेनामी संपत्तियों के इन प्रोविजनल अटैचमेंट्स के साथ ही आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट अब तक कुल 458 बेनामी संपत्तियां अटैच कर चुकी है, जिनका कुल बाजार मूल्य करीब 1400 करोड़ रुपए है।
पति और फुफेर ससुर करते थे मुंबई में काम
संजू देवी का पति नारूराम और फुफेर ससुर मुंबई में काम करते थे। बकौल संजू देवी जमीन खरीदने की बात कहकर वर्ष 2006 में दोनों उसे साथ ले गए थे। इस दौरान मुंबई के भी कुछ लोग आए थे। उन्होंने जमीन के कागजों पर उससे अंगुठे लगवाए गए थे। करीब दस वर्ष पहले उसके पति नारूराम की मौत हो गई। इसके बाद उसे घर चलाने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपए भेजे जाने लगे। यह पैसे उसे पहले डाक से बाद में बैंक खाते में भेजे जाते। कई बार जयपुर में उसकी भुवा सास के घर भी भेज दिए जाते। जहां से वह लेकर आती थी, लेकिन पिछले तीन वर्ष से उसे कोई पैसा नहीं भेजा जा रहा है।