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पिता कुएं में उतरकर ठीक करते हैं मोटर, बेटी यूरोप में कर रही देश का प्रतिनिधित्व

locationसीकरPublished: Jun 27, 2022 01:09:13 pm

सांवलोदा लाडखानी की पूजा कंवर ने मेहनत से बदला मुकद्दर

पिता कुएं में उतरकर ठीक करते हैं मोटर, बेटी यूरोप में कर रही देश का प्रतिनिधित्व

पिता कुएं में उतरकर ठीक करते हैं मोटर, बेटी यूरोप में कर रही देश का प्रतिनिधित्व

सचिन माथुर
rajasthanpatrika.com

यदि मंसूबे मजबूत और मन से मेहनत हो तो मुकद्दर को भी मन मुताबिक मोड़ा जा सकता है। मुसीबतें भी मंजिल का मार्ग नहीं रोक सकती। धोद के सांवलोदा लाडखानी की पूजा कंवर इसकी बानगी है। जिसने जन्म तो एक छोटी सी ढाणी (गौडों की ढाणी) के गरीब किसान के घर में लिया, लेकिन जहन में जज्बा इतना बड़ा रखा कि हर परेशानी को पाटती हुई आज वह यूरोप के स्लोवेनिया में चल रहे विश्व जूनियर हैंडबॉल चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है। देश के लिए दूसरी बार खेल रही पूजा कंवर के संघर्ष का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि छोटी- मोटी खेती के साथ उसके पिता आज भी कुओं में उतरकर मोटर ठीक करने का काम करते हैं। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भेजने की बात आई तो भी चाचा उम्मेद सिंह के साथ मिलकर रुपयों का इंतजाम तक उन्होने इधर- उधर की उधारी से किया।
सरकारी स्कूल से की शुरुआत, दो बार किया देश का प्रतिनिधित्व
पूजा ने अपनी पढ़ाई सांवलोदा लाडखानी की राजकीय माध्यामिक विद्यालय में की। जहां कक्षा सात में शारीरिक शिक्षक मघाराम ने उसे हेंडबॉल का प्रशिक्षण देना शुरू किया। बाद में कोच भंवर सिंह ने उसकी बागडौर संभाली। बेहतर प्रदर्शन करते हुए पूजा ने 4 बार जिला व राज्य तथा 2 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पिछली साल जयपुर में आयोजित 8वीं एशियन महिला यूथ हैंडबॉल चैंपियनशिप में चयन के बाद पूजा इस बार भी जूनियर विश्व चैंपियनशिप के लिए चुनी गई। जो 22 जून से 3 जुलाई तक यूरोप में आयोजित हो रहा है।
पिता करते हैं खेती, हाथ बंटाती है बेटी
पूजा के पिता सुरेन्द्र सिंह गौड़ छोटी- मोटी खेती के साथ मैकेनिक का काम करते हैं। जो कुओं में उतरकर मोटर भी ठीक करते हैं। इसी के साथ पूजा सहित तीन बेटियों व बेटे का परिवार चलता है। ऐसे में पूजा भी परिवार का पूरा सहयोग करती है। जब भी वह घर होती है तो परिवार के साथ खेती में हाथ बंटाती है।
उधार से भेजा यूरोप, सरकार से की प्रोत्साहन की मांग
पिता के साथ ही मैकेनिक पूजा के चाचा उम्मेद सिंह ने बताया कि खराब माली हालत की वजह से पूजा को खेल में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हाल में एकेडमी की राशि के साथ चैंपियनशिप के लिए यूरोज जाने के लिए भी करीब 1 लाख 80 हजार रुपए की व्यवस्था उन्होंने उधारी से की है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को खिलाडिय़ों के आने- जाने के साथ उसके प्रशिक्षण व अन्य सभी खर्च अपने स्तर पर उठाने चाहिए। ताकि गरीब परिवार के खिलाडिय़ों का भी मनोबल बना रहे।
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