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सुप्रीम कोर्ट ने खोली भर्ती की राह, बेरोजगारों को मिला दिवाली गिफ्ट

locationसीकरPublished: Oct 20, 2019 11:05:24 am

Submitted by:

Sachin

सीकर. पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और अशैक्षणिक अधिकारी स्तर पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने खोली भर्ती की राह, बेरोजगारों को मिला दिवाली गिफ्ट

सुप्रीम कोर्ट ने खोली भर्ती की राह, बेरोजगारों को मिला दिवाली गिफ्ट

सीकर. पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और अशैक्षणिक अधिकारी स्तर पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से सैंकड़ों बेरोजगारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं विश्वविद्यालय में कर्मचारी और अधिकारियों की कमी के चलते लेटलतीफी से अभ्यर्थियों को छूटकारा मिलेगा। जानकारी के अनुसार दो बार अशैक्षणिक और शैक्षणिक पदों को मंजूरी देरी से मिलने के चलते एक बार भर्ती निरस्त हो चुकी हैं।
जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया का मामला पहले इलाहबाद हाईकोर्ट में चला। इलाहबाद हाई कोर्ट के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय को एक यूनिट मानते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। लेकिन फिलहाल अशैक्षणिक में अधिकारी और शैक्षणिक पदों पर ही भर्ती को मंजूरी मिली हैं।

आरक्षण का लाभ
पहले विभाग को यूनिट मानकर भर्ती प्रक्रिया की जा रही थी। लेकिन अब विश्वविद्यालय को एक यूनिट मानने से आरक्षण पद्धति पूरी बदल गई है। हालांकि भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाले पूर्व अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन आरक्षण पद्धति बदलने से कुछ फेरबदल होंगे। आरक्षण के अनुसार ही भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिलेगी।

यूं अटकी थी भर्ती
शेखावाटी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकने के कई कारण सामने आए हैं। इनमें जहां एक ओर शैक्षणिक पदों की भर्ती अटकने के तीन कारण सामने आए। पहला विवि या विभाग में से किसे यूनिट माना जाए। दूसरा आर्थिक पिछड़ा वर्ग और तीसरा कारण गुर्जर आरक्षण को माना गया। इधर, अशैक्षणिक पदों को अधिकारी और कर्मचारी दो अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया। अधिकारी पदों की भर्ती में आर्थिक पिछड़ा वर्ग और गुर्जर आरक्षण कारण बना वहीं कर्मचारी वर्ग की भर्ती में आर्थिक पिछड़ा वर्ग एवं गुर्जर आरक्षण के साथ राज्य सरकार व राज्य पाल के पत्र को आधार माना गया। पत्र में नियुक्ति अधिकार यानि की कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से एक साथ सभी विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की भर्ती करने पर सलाह मांगी गई। लेकिन विश्वविद्यालय ने स्वयं को स्वायत्त निकाय मानते हुए इसमें सरकार के हस्तक्षेप को नहीं माना। ऐसे में हालांकि कुछ विश्वविद्यालयों में कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भर्ती भी हुई। लेकिन शेखावाटी विश्वविद्यालय में कर्मचारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया अभी भी स्पष्ट नहीं हुई हैं।
इनका कहना है
विश्वविद्यालय ने हर बार भर्ती के आवेदन भरने के दो से तीन महीने में ही प्रक्रिया पूर्ण कर ली। लेकिन कोर्ट का निर्णय आने के बाद मानव संसाधन मंत्रालय, राज्य पाल और यूजीसी से पत्र प्राप्त हुआ। इन सभी आदेशों की पालना करते हुए विश्वविद्यालय को हर बार भर्ती प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी है।
डॉ. बीएल शर्मा, कुलपति, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर।

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