उपभोक्ताओं का उठा भरोसा
रींगस बैंक शाखा के अधीन करीब डेढ़ दर्जन से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियां जुड़ी हुई हैं। जिनका लेन देन इसी बैंक शाखा से किया जाता है। इनमें सरगोठ, आभावास, महरोली, पटवारी का बास, रींगस, मलिकपुर, ठीकरिया, बावड़ी, मालाकाली, तपीपल्या सहित आस पास के अनेक गांवों के उपभोक्ता शाखा से लेनदेन करते हैं। घोटाले की जानकारी के बाद उपभोक्ताओं का बैंक अधिकारी व कर्मचारियों से भरोसा उठ गया है। इनका कहना है कि गरीब जनता के साथ खिलवाड़ करने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
57 खातों से उठाया पैसा
जांच में अभी तक कुल 57 खाते सामने आये हैं जिन से फर्जी तरीके से 8.53 करोड़ का लोन उठाया गया है। मार्च 2014 से जून 2017 के बीच सबसे अधिक घोटाला सरगोठ, बावड़ी, धीरजपुरा व अरनियां ग्राम सेवा सहकारी समिति के खातों से किया गया है जिनमें धीरजपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति की एफडी से सर्वाधिक लोन उठाया गया है।
बैंक में किए गए घोटाले की जांच की जा रही है। ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। जांच में घोटाले की राशि में बढोतरी भी हो सकती है। -मनोहर लाल शर्मा, एमडी, सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक